चुनावी मिशन में चूक से बचने के लिए BJP ने बनाया मास्टर प्लान, जानिए किसे मिली कौन सी जिम्मेदारी

पांच राज्यों में होने जा रहे चुनावों की तैयारी के लिए बीजेपी ने अपने 100 सांसदों और मंत्रियों को अहम जिम्मेदारी सौंपी है.

Update: 2021-12-11 03:36 GMT

फाइल फोटो 

 जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पांच राज्यों में होने जा रहे चुनावों की तैयारी के लिए बीजेपी (BJP) ने अपने 100 सांसदों और मंत्रियों को अहम जिम्मेदारी सौंपी है. जिन्हें पांचों चुनावी राज्यों में पकड़ मजबूत करने का लक्ष्य दिया गया है. हालांकि संसद का शीतकालीन सत्र 23 दिसंबर को समाप्त होगा, लेकिन बीजेपी के ये 100 सांसद और मंत्री सोमवार से ही संसद नहीं आएंगे. दरअसल पार्टी ने कुछ सांसदों को ऐसा करने की छूट दी है.

BJP का मिशन 2022
बीजेपी ने अपने इन सभी सांसदों और मंत्रियों को साफ कर दिया है कि अब उन्हें चुनावी राज्यों में जनता के बीच पार्टी की पकड़ मजबूत करने के लिए ताकत लगानी है. बीजेपी ने अपने सभी 100 सांसदों और मंत्रियों को कहा गया है कि वे अब संसद आने के बजाय पार्टी के सौंपे गए काम और उनका प्रचार राज्यों में जाकर करें. इन 100 लोगों की लिस्ट में राज्य सभा और लोक सभा सांसद शामिल हैं.
सांसदों का नया रोस्टर
हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के कुछ सांसद पंजाब में बीजेपी की जीत के लिए काम करेंगे. असम और नॉर्थ ईस्ट के सांसदों को मणिपुर विधानसभा चुनाव में लगाया गया है. महाराष्ट्र के सांसदों को गोवा की सत्ता में दोबारा से वापसी के लिए मेहनत करने को कहा गया है. बिहार बीजेपी को पूर्वांचल के 16 जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है. चुनाव होने तक सभी सांसदों को इन्हीं राज्यों में रहना है.
पंजाब में हिमाचल, हरियाणा, दिल्ली के सांसद करेंगे काम.
असम और नॉर्थ ईस्ट के सांसदों को मणिपुर की जिम्मेदारी.
महाराष्ट्र के सांसदों को सौंपी गई गोवा चुनाव की जिम्मेदारी.
बिहार बीजेपी को सौंपी पूर्वांचल के 16 जिलों की जिम्मेदारी.
बीजेपी का 'प्लान 100'
पांच राज्यों के आगामी विधान सभा चुनावों में 100 सांसदों, मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है. चुनावी राज्यों में पार्टी की पकड़ मजबूत करने के लिए इन सांसदों को संसद के शीतकालीन सत्र में जाने से एक तरह की छुट्टी दी गई है. सभी को धरातल में पार्टी की पकड़ मज़बूत बनाने के लिए पूरी ताकत झोंकने का निर्देश दिया गया है. BJP की लिस्ट में संसद के दोनों सदनों के सदस्य शामिल हैं. चुनाव होने तक सभी सांसदों को उन्हीं राज्यों में रहने के निर्देश दिए गए हैं, जिनकी ड्यूटी पार्टी ने जहां पर लगाई है.
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