भाजपा नेता छापता था नकली किताब, पुलिस ने किया गिरफ्तार

Update: 2023-04-30 08:24 GMT

मेरठ: एनसीईआरटी के नाम पर नकली किताबें छापने का हब बन चुके मेरठ में पुलिस की लाख सख्ती के बाद भी अंकुश नहीं लग पा रहा है। बरेली पुलिस ने शनिवार को मेरठ के टीपी नगर में छापा मारा और प्रकाशन माफिया सचिन गुप्ता को गिरफ्तार करके ले गई।

25 मार्च को बरेली के भोजीपुरा थाना पुलिस ने नकली किताबों की एक फैक्ट्री पकड़ी थीं। वहीं दो साल पहले एसटीएफ ने परतापुर से इसी गिरोह की 35 करोड़ की नकली किताबें मेरठ और अमरोहा से बरामद की थीं। एसटीएफ उस वक्त सचिन गुप्ता को नहीं पकड़ सकी थी। काफी समय से पुलिस को एनसीईआरटी के नाम पर नकली किताबें छापने वाले सचिन गुप्ता की तलाश थी।

सचिन गुप्ता भाजपा नेता भी है। मेरठ के बड़े भाजपा नेताओं पूर्व विधायक से भी इसका सीधा संबंध हैं। भोजीपुरा में प्रकाशन माफिया सचिन गुप्ता किराए पर जगह लेकर पब्लिकेशन चला रहा था। उसमें एनसीईआरटी की किताबें अवैध तरीक से छाप रहा था। जब एनसीईआरटी को इसकी सूचना मिली तो दिल्ली हेडआॅफिस की टीम ने भोजीपुरा पुलिस के साथ छापा मारा था। एनसीईआरटी की नकली किताबें छापने के खेल में मेरठ का नफीस अहमद भी शामिल है।

जिसे पुलिस पहले पकड़ चुकी है। नफीस लिसाड़ी गेट का रहने वाला है। पुलिस ने उसके साथ ही फैक्टरी के मालिक अवनीश मित्तल पुत्र रामपाल मित्तल निवासी माधवपुरम मेरठ व इनकी टीम में शामिल पीयूष कन्सल, सोनू, राहुल गुप्ता व सचिन गुप्ता को मुकदमे में नामजद किया है। पुलिस ने 467, 468, 471, 473 व 120बी के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पहले यह रिपोर्ट धारा 420 व कॉपीराइट अधिनियम 63 व 65 के तहत ही लिखी गई थी।

गौरतलब है कि दो साल पहले परतापुर स्थित औद्योगिक क्षेत्र में पुलिस, एसओजी और एसटीएफ ने छापा मारकर काफी संख्या में एनसीईआरटी की नकली किताबें भाजपा नेता सचिन गुप्ता के यहां से पकड़ी थीं। भाजपा नेता का नकली किताबें छापने का बड़ा नेटवर्क उजागर हुआ था। हापुड़ में भी उसके ठिकानों पर छापा लगा था। यहां से करोड़ों रुपये कीमत की नकली किताबें बरामद हुई थीं।

इस मुकदमे की विवेचना अब तक विचाराधीन है। सूर्यांपुरम में एनसीईआरटी की नकली किताब छापी जा रही थीं। पकड़े गए लोगों की निशानदेही पर एनसीईआरटी की नकली किताब काफी संख्या में बरामद की हैं। इस दौरान एनसीईआरटी की करीब 35 करोड़ रुपये कीमत की किताबें बरामद की गई।

इसके साथ ही छह प्रिंटिंग प्रेस भी बरामद की गई। पूछताछ में जानकारी मिली थी कि ये दिल्ली समेत उत्तराखंड और आसपास के कई राज्यों में किताबें सप्लाई करते थे। मौके से एक दर्जन लोगों को हिरासत में लिया गया था। इसके अलावा गोदाम और प्रिंटिंग प्रेस मशीन जहां चलती थी, उस स्थान को सील कर दिया है।

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