लखनऊ: शहीदपथ किनारे बिजनौर के भदरासा गांव में राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के जवान अजय सिंह (27) का शव सुबह कमरे में फंदे पर रस्सी से लटका मिला. बेड पर उसकी पत्नी नीलम (23) का भी शव पड़ा था. नीलम के गले में रस्सी का फंदा था. रस्सी को चाकू से काटने के निशान थे. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दोनों की मौत का कारण फांसी आया है. नीलम के गर्भवती होने की भी पुष्टि हुई है.
पुलिस जांच कर रही है कि झगड़े के बाद नीलम ने फांसी लगाई. पत्नी को फंदे पर लटका देखकर अजय ने चाकू से रस्सी काटकर उसे नीचे उतारा. मृत होने पर घबरा कर अजय ने भी जान दे दी अथवा नीलम की हत्या करने के बाद अजय ने फांसी लगाई. इन दोनों बिंदुओं पर पुलिस की तफ्तीश जारी है. फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण कर साक्ष्य इकट्ठा किए. दो साल पहले दोनों ने प्रेम विवाह किया था. अजय मूल रूप से आगरा जनपद के अछनेरा मंगूरी के रहने वाले थे. नीलम आगरा के ही नगलापति की रहने वाली थी. अजय 2019 बैच के पीएसी के सिपाही थे. उसके बाद से एसडीआरएफ में तैनात थे. यहां 10 माह से पूर्व प्रधान रामू के मकान में किराए पर रह रहे थे.
घटना की जानकारी पर पुलिस उपायुक्त दक्षिणी केशव कुमार, अपर पुलिस उपायुक्त राजेश यादव और बिजनौर थाना प्रभारी पहुंचे. सुसाइड नोट नहीं मिला. पुलिस ने दोनों के मोबाइल कब्जे में लिए हैं.
एसडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट हरेंद्र प्रताप के मुताबिक शाम को गणना में अजय यूनिट में नहीं था. सुबह भी अनुपस्थित होने पर अजय को फोन किया लेकिन फोन रिसीव न होने पर पीसी शहंशाह और कुछ अन्य कर्मियों को उसके घर भेजा. काफी देर कर्मचारी दरवाजा खटखटाते रहे. उत्तर न मिलने पर खिड़की से अंदर देखा तो पंखे से अजय का शव लटका था. नीलम बेड पर पड़ी थीं. उसके गले में रस्सी का फंदा था. पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी.
पिता बोले, नहीं थी बेटे के विवाह की जानकारी
शाम को पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे अजय के पिता निरंजन ने बताया कि उन्हें बेटे के विवाह की जानकारी नहीं थी. उसने कब विवाह किया था? किससे किया? कुछ नहीं पता है. निरंजन के मुताबिक उनकी छह संतानों में अजय तीसरे नंबर का था. अजय के बड़े भाई अमित कस्टम में इंस्पेक्टर हैं. वहीं, नीलम के पिता अमल ने किसी भी आरोप से इंकार किया. नीलम का भाई जीवन एसडीआरएफ में ही आउटसोर्सिंग से फालोवर की नौकरी करता है. उसने भी किसी आरोप से इंकार किया है. उसने बताया कि पिछले हफ्ते अजय और नीलम ने दो दिन की छुट्टी ली थी. वह घूमने भी गए थे.
कुशल तैराक और बेहद जिंदादिल था अजय
डिप्टी कमांडेंट ने बताया कि अजय बहुत कुशल तैराक और जिंदादिल इंसान था. वह ड्यूटी के लिए भी बेहद अलर्ट रहता था. अजय के वरिष्ठ साथी दीपक ने बताया कि वह बेहद हंसमुख था. वह आत्महत्या कर लेगा इस बात का किसी को यकीन ही नहीं था. हो सकता कुछ पारिवारिक कारण रहें हों पर उसने कभी कोई अपनी समस्या नहीं बताई.
पांच किमी की दौड़ में आया था दूसरे स्थान पर
डिप्टी कमांडेंट के मुताबिक अजय बहुत अच्छा धावक था. हाल ही में एक दौड़ प्रतियोगिता हुई थी. दौड़ में वह दूसरे स्थान पर था. उसे पुरस्कार भी मिला था. शारीरिक प्रतियोगिता में हमेशा अजय ही बाजी मारता था.