गाजियाबाद आवास विकास योजना के 17 भूखण्डों में बड़ा घोटाला आया सामने, जांच शुरू
उत्तर प्रदेश अवावास विकास परिषद की गाजियाबाद योजना में भी फर्जीवाड़ा हुआ है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उत्तर प्रदेश अवावास विकास परिषद की गाजियाबाद योजना में भी फर्जीवाड़ा हुआ है। यहां करीब 17 भूखण्डों में फर्जीवाड़ा की बात सामने आयी है। बिना पैसा जमा किए अधिकारियों ने यहां भी भूखण्ड आवंटित कर दिए हैं। इसमें भी लखनऊ के जगत नारायण शुक्ला व उनके परिजनों का नाम सामने आ रहा है। वाराणसी व बाराबंकी में भी फर्जीवाड़ा होने की आशंका है। फर्जीवाड़े के मामले सामने आने के बाद आवास विकास ने जांच का दायरा बढ़ा दिया है। प्रदेश भर की सभी योजनाओं में पिछले 10 वर्षों के भीतर हुए आवंटनों की जांच शुरू हो गयी है।
आवास विकास की लखनऊ ही नहीं प्रदेश के अन्य शहरों की योजनाओं में भी घोटाला हुआ है। बिना पैसा जमा कराए ही लोगों को करोड़ों के भूखण्ड आवंटित कर दिए गए हैं। लखनऊ की अवध विहार व वृन्दावन योजना में 21 सम्पत्तियों में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया था। यहां बिना पंजीकरण धनराशि जमा किए ही अधिकारियों व कर्मचारियों ने दलालों को 5.67 करोड़ रुपए वापस कर दिया। इस मामले में आवास विकास परिषद ने अभी तक 18 से अधिक अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की है।
अब ताजा मामला आवास विकास परिषद की गाजियाबाद योजना में सामने आया है। यहां भी बिना पैसा जमा कराए करोड़ों की सम्पत्तियां दलालों को आवंटित करने की बात सामने आयी है। फिलहाल ऐसे 17 भूखण्डों के बारे में जानकारी आ रही है। जिन्हें बिना पैसा जमा कराए आवंटित किया गया है। इन भूखण्डों में कितना पैसा जमा किया गया और कितना नहीं इसकी जांच तेजी से चल रही है। फिलहाल एक दो दिनों के भीतर पूरी रिपोर्ट आ जाएगी। उप आवास आयुक्त प्रफुल्ल त्रिपाठी ने बताया कि कुछ मामले सामने आये हैं। इनमें लखनऊ में फर्जीवाड़ा करने वाले जगत नारायण शुक्ला व उनके परिवार के लोगों का नाम हैं।
अन्य शहरों की योजनाओं में भी शुरू हुई जांच
आवास विकास ने लखनऊ व गाजियाबाद के अलावा अन्य शहरों में भी जांच शुरू करा दी है। पिछले 10 वर्षों के भीतर हुए आवंटन व रिफण्ड की जांच की जा रही है। वाराणसी व बाराबंकी में भी इस तरह के फर्जीवाड़े की बात सामने आ रही है। फिलहाल आवास विकास की जांच के बाद ही इस फर्जीवाड़े से पर्दा उठेगा।
एक अधिकारी की तैनाती के दौरान ही हुआ घोटाला
आवास विकास के एक अधिकारी जहां जहां तैनात रहे हैं वहीं वहीं घोटाला हुआ है। कहा जा रहा है कि इन अधिकारी के लखनऊ तैनाती के दौरान घोटाला हुआ। यह गाजियाबाद में भी तैनात रहे हैं। उसी दौरान वहां भी फर्जीवाड़ा हुआ। बाराबंकी व वाराणसी का काम भी इन अधिकारी ने देखा है। ऐसे में यहां भी फर्जीवाड़े की बात सामने आयी है।
आवास आयुक्त अजय चौहान ने बताया कि एक टीम वाराणसी में जांच कर रही है। एक दो दिनों के भीतर उसकी जांच रिपोर्ट आ जाएगी। इसमें सही चीजें सामने आएंगी। पूरे प्रदेश की आवास विकास की योजनाओं में जांच करायी जा रही है। 10 वर्षों में हुए आवंटन की जांच की जा रही है। फर्जीवाड़े में जो भी दोषी मिलेगा उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।