ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में मुस्लिम पक्ष को अदालत से बड़ी राहत
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वाराणसी। ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में बृहस्पतिवार को जिला जज की अदालत ने मुस्लिम पक्ष को अपना प्रत्युत्तर पेश करने के लिए 18 अगस्त तक का समय दे दिया। हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बताया कि अदालत में दोनों पक्षों की दलील पूरी हो चुकी है। आज मुस्लिम पक्ष को हिन्दू पक्ष की दलीलों पर अदालत के समक्ष अपना प्रत्युत्तर पेश करना था, मगर मुस्लिम पक्ष के मुख्य अधिवक्ता अभय यादव के कुछ दिनों पूर्व ह्रदय गति रुक जाने से मृत्यु हो गयी थी, लिहाजा मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ताओं ने मुकदमे से जुड़े सभी दस्तावेज अभय यादव के पास सुरक्षित रखे होने का हवाला देते हुए 15 दिन का समय मांगा। उन्होंने बताया कि इस पर अदालत ने समय देते हुए सुनवाई के लिए 18 अगस्त की तारीख तय की है।
गौरतलब है कि ज्ञानवापी परिसर में श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन और विग्रहों की सुरक्षा के लिए राखी सिंह तथा अन्य ने सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में एक याचिका दाखिल की थी। अदालत के निर्देश पर ज्ञानवापी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वे कराया गया था। मुस्लिम पक्ष ने इसे उपासना स्थल अधिनियम 1991 का उल्लंघन करार देते हुए उच्चतम न्यायालय में अर्जी दाखिल की थी। हालांकि, न्यायालय ने वीडियोग्राफी सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था मगर मामले की सुनवाई निचली अदालत के बजाय जिला अदालत में करने के निर्देश दिए थे। मुस्लिम पक्ष के मुताबिक यह मामला उपासना स्थल अधिनियम का उल्लंघन है, लिहाजा इस पर सुनवाई नहीं की जानी चाहिए। जिला अदालत में फिलहाल इसी मसले पर सुनवाई की जा रही है कि यह मामला सुनने लायक है या नहीं। इस मामले में हिंदू और मुस्लिम दोनों ही पक्षों की दलीलें पूरी हो चुकी हैं।