गोरखपुर एसटीएफ का बड़ा खुलासा: 15 लाख में दरोगा बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़, तीन आरोपी गिरफ्तार

15 लाख रुपये में दरोगा बनाने वाले एक गिरोह का मंगलवार को गोरखपुर एसटीएफ ने खुलासा किया।

Update: 2021-11-23 17:28 GMT

UTTARPRADESH: 15 लाख रुपये में दरोगा बनाने वाले एक गिरोह का मंगलवार को गोरखपुर एसटीएफ ने खुलासा किया। केन्द्र संचालकों से सांठ-गांठ कर यह गिरोह बड़े पैमाने पर अभ्यर्थियों को दरोगा की परीक्षा पास कराने वाला था। एसटीएफ ने गिरोह के तीन सदस्यों को तारामंडल इलाके से दबोच लिया है जबकि अन्य की तलाश कर रही है। टीम ने इस गिरोह उस वक्त पकड़ा है जब वह अभ्यर्थियों से पैसा लेने जा रहा था। पूछताछ में पता चला है कि इन्होंने दो लोगों से पैसा लेकर उन्हें परीक्षा में बैठाया भी था। हालांकि एसटीएफ अभी उसकी जांच कर रही है। पकड़े गए आरोपितों के खिलाफ रामगढ़ताल थाने में केस दर्ज कराया गया है।

एसटीएफ को सूचना मिली थी कि उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड की ओर से आयोजित उपनिरीक्षक नागरिक पुलिस एवं अन्य पदों की सीधी भर्ती ऑनलाइन परीक्षा-2021 में गोरखपुर में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा की तैयारी है। इस सूचना टीम सक्रिय हुई तो पता चला कि अश्वनी दूबे केंद्र संचालक, माडेंटो वेन्चर्स प्राइवेट लिमिटेड, अनुभव सिंह, क्लस्टर हेड एनएसईआईटी गोरखपुर, आशीष शुक्ला, केंद्र संचालक कैवेलियर एनीमेशन सेंटर एनएसईआईटी गोरखपुर, दीपक, दिवाकर उर्फ रिन्टू एवं सेनापति, केन्द्र संचालक सिद्धि विनायक ऑनलाइन सेंटर गोरखपुर, नित्यानन्द गौड़, संतोष यादव, रजनीश दीक्षित, केन्द्र संचालक ओम ऑनलाइन सेन्टर मिलकर नकल कराने की योजना बना रहे हैं।ये लोग देवरिया बाईपास मोड़ पर कुछ अभ्यार्थियों से मिलकर रुपए लेने वाले हैं।
सूचना पर इंस्पेक्टर सत्य प्रकाश सिंह के नेतृत्व में सब इंस्पेक्टर आलोक कुमार राय, हेड कांस्टेबल जितेन्द्र यादव, महेंद्र प्रताप सिंह सहित टीम के अन्य सदस्यों ने घेराबंदी कर तीन लोगों को पकड़ लिया। पकड़े गए आरोपियों की पहचान एनएसईआईटी के कलस्टर हेड व गुलरिहा थाना क्षेत्र के शिवपुर सहबाजगंज निवासी अनुभव सिंह, महराजगंज जिले के घुघुली थाना क्षेत्र के अहिरौली गांव निवासी नित्यानंद गौड़ व चिलुआताल क्षेत्र के महेसरा निवासी सेनापति सहानी के रूप में हुई। पूछताछ के दौरान आरोपितों ने बताया कि अभ्यार्थियों से रुपए वसूल कर उन्हें परीक्षा के दौरान परीक्षा केंद्र के लैब या फिर अलग कमरे में बैठाकर नकल कराते हैं। जिनसे इनकी पहले से सेटिंग हो जाती यह सुविधा उन्हीं परीक्षार्थियों को दी जाती है।


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