बरेली न्यूज़: बरेली की स्मार्ट ग्राम पंचायत भरतौल के नाम एक और उपलब्धि होने जा रही है. भरतौल प्रदेश का पहला कार्बन न्यूट्रल गांव बनेगा. पंचायती राज विभाग ने भतरौल का चयन करके केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेज दी है. गांव में कार्बन डाई-ऑक्साइड के उत्सर्जन को कम करने के उपाय किए जाएंगे. सीएनजी और ई-वाहन चलाए जाएंगे. सोलर कुकर और चूल्हे के जरिए खाना बनेगा. गांव को कार्बन तटस्थ करने के लिए पौधे भी लगाए जाएंगे.
विश्व स्तर पर कार्बन उत्सर्जन को रोकथाम के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. अप्रैल 2022 में जम्मू के पल्ली को कार्बन न्यूट्रल गांव घोषित किया गया था. 2030 तक कार्बन उत्सर्जन को एक अरब टन कम करने का है भारत ने लक्ष्य तय किया है. प्रदेश सरकार ने गांवों को कार्बन न्यूट्रल बनाने की मुहिम शुरू कर दी है. कार्बन न्यूट्रल गांव की शुरुआत प्रदेश में भरतौल से होने जा रही है. जाट रजीमेंट से सटे भरतौल गांव की आबादी करीब सात हजार है.
भरतौल पंडित दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण और मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन पुरस्कार मिल चुके हैं. निर्मल ग्राम पंचायत भरतौल के पंचायत सचिवालय प्रदेश में सबसे सुंदर है. यहां कूड़ा निस्तारण के बेहतर इंतजाम हैं.
पानी की बर्बादी रोकेंगे पिट
पानी की बर्बादी को रोकने के लिए पिट बनाए जाएंगे. ब्लैक और ग्रे वाटर की रोकथाम के इंतजाम किए गए हैं. गांव में कूड़ा कलेक्शन और निस्तारण की व्यवस्था की गई है.
प्लास्टिक फ्री होगा
भरतौल गांव में पॉलीथिन के प्रयोग पर पूरी तरह पाबंदी लगेगी. हाथ के बने थैलों को बढ़ावा दिया जाएगा. ई-वाहन व साइकिल चलाने को लोगों को प्रोत्साहित किया जाएगा.
फौजियों का है गांव
भरतौल ग्राम पंचायत की करीब 7 हजार आबादी है. 50 फीसदी से अधिक घर फौजियों के हैं. दूसरे राज्यों के फौजियों ने भी भरतौल में घर बनाए हैं.
भरतौल कार्बन न्यूट्रल गांव बनेगा. केंद्र को नाम भेजा गया है. कार्बन का उत्सर्जन शून्य करने को उपाय होंगे. सर्वे शुरू करा दिया गया है.
- धर्मेंद्र कुमार, डीपीआरओ