उत्तरप्रदेश | जिला महिला अस्पताल में डेढ़ करोड़ रुपये से खरीदे गए मेडिकल उपकरण दो माह में ही टूटने लगे हैं. मेडिकल उपकरणों की गुणवत्ता पर इससे सवाल भी उठने शुरू हो गए. बता दें कि लखनऊ की एक कंपनी से यह मेडिकल उपकरण क्रय किया गया था.
आरटीआई के जरिये खुलासा हुआ कि महिला अस्पताल में नियमों को दरकिनार करते हुए दो माह पूर्व डेढ़ करोड़ रुपये के बेड, टूलबाक्स और तीमारदारों के बैठने के लिए सीट आदि की खरीदारी लखनऊ की एक चहेती कंपनी से कर ली गई है. उस समय तत्कालीन सीएमएस डॉ. सुधांशु द्विवेदी थे. बताया गया है कि आपूर्ति किए गए उपकरण का ब्योरा भी ठीक प्रकार से संबंधित पटल के पास नहीं है. कितने उपकरण किस-किस के हैं, यह भी ब्योरा बताने में विभाग के जिम्मेदार मौन खींच लिए हैं. जो उपकरण प्रयोग में लाए गए हैं उसकी गुणवत्ता की भी पोल इस्तेमाल करते ही खुल गई है. महिला अस्पताल के सर्जिकल वार्ड में लगाए गए कई बेड टूट गए हैं. फिलहाल इस खरीद की जांच डीएम प्रियंका निरंजन तीन सदस्यीय जांच टीम गठित करते हुए करा रही हैं. इसमें एसडीएम सदर, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत, बीएसए के लेखाधिकारी शामिल हैं. बताया जा रहा है कि जिला महिला अस्पताल के पुर्नस्थापना के लिए आए डेढ़ करोड़ के मद से जितने उपकरण की खरीदारी टेंडर के जरिए की गई है उतना उपकरण मौके पर नहीं है, जिसकी जांच चल रही है. फिलहाल जांच टीम के रिपोर्ट पर सभी की निगाह है.
प्रशिक्षण से नदारद रहे 31 पंचायत सहायक, नोटिस
आयुष्मान कार्ड के प्रगति के संबंध में प्रशिक्षण कार्यक्रम से 31 पंचायत सहायक नज़राद रहे. जिस पर एडीओ पंचायत ने पंचायत सहायकों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है. विकास खंड गौर के सभागार में आयुष्मान कार्ड प्रगति प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया.
प्रशिक्षण कार्यक्रम से ग्रामसभा कलिगढ़ा, सावडीह, धधरिया, सौरहा सहित 31 के पंचायत सहायक गैर हाजिर रहे. इससे आयुष्मान कार्ड के प्रगति की समीक्षा नहीं हो सकी, जिस पर एडीओ पंचायत श्यामबिहारी ने नोटिस जारी करते हुए कहा है कि प्रशिक्षण शिविर से गैरी हाजिर रहना अनुशासनहीनता व गैर जिम्मेदाराना रवैया है. तीन में स्पष्टीकरण आख्या प्रस्तुत करें, अन्यथा कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.