Basti: ट्रांसफॉर्मर ढोने वाले वाहन की जीपीएस से होगी ट्रैकिंग

एप से जुड़ने के बाद जिले से लेकर डिस्कॉम तक बैठे अधिकारी मॉनीटरिंग कर सकते हैं

Update: 2024-08-13 03:33 GMT

बस्ती: बिजली विभाग का ट्रांसफॉर्मर ढोने वाले वाहनों की ट्रैकिंग जीपीएस सिस्टम से होगी. वर्कशॉप से निकले ट्रांसफॉर्मर को गंतव्य तक पहुंचने में अक्सर देरी की मिल रही शिकायतों के बाद से यह कदम उठाया गया है. जीपीएस को विभागीय एप से जोड़ने की कवायद की जा रही है. एप से जुड़ने के बाद जिले से लेकर डिस्कॉम तक बैठे अधिकारी मॉनीटरिंग कर सकते हैं. बार-बार गड़बड़ी पाए जाने पर सम्बंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. वर्कशॉप के बस्ती मंडल के अधिशासी अभियंता चंद्रशेखर कुमार का कहना है कि वाहनों में जीपीएस लगाया जा चुका है. इसे एप से जोड़ने पर काम चल रहा है. इसका मकसद समय से गांव तक ट्रांसफॉर्मर को पहुंचा कर निर्धारित समय सीमा में उसे लगवाना है.

वर्कशॉप से गांव तक ट्रांसफॉर्मर पहुंचाने के लिए विभाग की ओर से आठ गाड़ियां लगाई गई हैं. पीक ऑवर में इनकी संख्या बढ़ाकर 14 कर दी जाती है. प्राय यह शिकायत मिल रही है कि वर्कशॉप से गाड़ियां निकलने के बाद दो घंटे का सफर चार से आठ घंटे में पूरा करती हैं. शाम को निकली गाड़ी दूसरे दिन सुबह लौटकर आती है. इससे अगला ट्रांसफॉर्मर भेजने में देरी हो जाती है. स्टॉक में ट्रांसफॉर्मर होने के बाद भी निर्धारित समय सीमा में ट्रांसफॉर्मर नहीं बदल पाता है. इससे विभाग की छवि खराब होती है. इस गड़बड़ी को रोकने के लिए अब जीपीएस के जरिए मॉनीटरिंग की व्यवस्था बनाई जा रही है.

1912 पर ही करें ट्रांसफॉर्मर से संबधित शिकायत: अधिशासी अभियंता चंद्रशेखर कुमार का कहना है कि अगर किसी गांव में ट्रांसफॉर्मर जल जाता है तो गांव के लोगों को विभागीय टोल-फ्री नंबर-1912 पर ही शिकायत करनी चाहिए. इस नंबर पर मिलने वाली शिकायतों की मॉनीटरिंग खुद उनके स्तर से की जा रही है. शिकायत दर्ज होने के बाद संबधित जेई जांचकर जले व खराब ट्रांसफॉर्मर की पीआर जेनरेट करता है. पीआर जेनरेट होने के साथ ही वर्कशॉप से नया ट्रांसफॉर्मर एलाट कर जल्द से जल्द उसे लगवाने का प्रयास किया जाता है. पीआर जेनरेट होने में देरी की दशा में संबधित जेई की जिम्मेदारी तय होगी. उपभोक्ता को इधर-उधर भागने या किसी सिफारिश की जरूरत नहीं है.

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