Bareilly: फर्जी दस्तावेज से जमानत पर छूटा तस्कर , कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज

Update: 2025-02-10 08:26 GMT
Bareilly बरेली: फर्जीवाड़ा करने वाले अदालतों में भी बाज नहीं आ रहे हैं। एक पशु तस्कर फर्जी दस्तावेजों के जरिए जमानत पर रिहा होकर लापता हो गया। जमानतदारों को पकड़ा गया तो उन्होंने जमानत लेने से ही इन्कार कर दिया। इसके बाद छानबीन में पता चला कि जमानत के सारे दस्तावेज फर्जी हैं। जिस दरोगा, लेखपाल और राजस्व निरीक्षक की सत्यापन रिपोर्ट इनके साथ लगाई थी, वे कभी थाने और तहसील में तैनात ही नहीं रहे। जिला जज के निर्देश पर उनके रीडर ने कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
अक्टूबर 2023 में एक मामले में थाना हाफिजगंज में अज्ञात गोतस्करों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी। इस मामले में हाफिजगंज पुलिस ने कुंजी नाम के गोतस्कर को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। न्यायालय से जमानत मंजूर होने के बाद कुंजी और उसके परिजनों ने दो फर्जी जमानतदार पेश कर दिए। तय प्रक्रिया के तहत उनका और उनके दस्तावेजों का थाने और तहसील से सत्यापन कराया गया और सत्यापन रिपोर्ट के आधार पर अदालत ने कुंजी को जमानत पर रिहा करने का
आदेश दे दिया।
जेल से रिहा होने के बाद कुंजी लापता हो गया। नियत तारीख पर वह सत्र परीक्षण के दौरान अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में पेश नहीं हुआ तो उसके जमानतदारों का सत्यापन कराया गया। इस पर पूरा मामला ही फर्जी निकला। जिला जज के निर्देश पर रविवार को उनके रीडर अरविंद कुमार गौतम ने थाना कोतवाली में इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।
सत्यापन रिपोर्ट पर तहसीलदार के भी हस्ताक्षर फर्जी
कुंजी के गैरहाजिर रहने पर कोर्ट ने उसके जमानतदार सीबीगंज के गांव मथुरापुर निवासी सगीर अहमद और शकील अहमद को समन भेजा। सगीर और शकील कोर्ट में पेश होकर बताया कि वे न कुंजी को जानते हैं, न उन्होंने उसकी जमानत ली है। कोर्ट ने तहसीलदार और सीबीगंज पुलिस को जांच का निर्देश दिया।
सीबीगंज के थाना प्रभारी ने 24 जनवरी 2025 को कोर्ट में दाखिल जांच रिपोर्ट में बताया कि जमानत के कागजों में जिस वीरेंद्र पाल सिंह नाम के दरोगा के हस्ताक्षर हैं, वह कभी थाने में तैनात नहीं रहा है। तहसीलदार सदर ने भी 25 जनवरी को अपनी रिपोर्ट में 13 मई 2024 को गोपाल प्रसाद नाम का लेखपाल या अवधेश कुमार नाम का राजस्व निरीक्षक तैनात नहीं थे, न वर्तमान में तैनात हैं। तहसीलदार की ओर से किए गए हस्ताक्षर भी फर्जी हैं।
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