Bareilly: वक्फ संपत्ति होने से विवाद का निपटारा केवल वक्फ ट्रिब्यूनल में: मुस्लिम पक्ष
न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन ने सुनवाई जारी रखने को कहा
बरेली: मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद के मामले में भी सुनवाई पूरी नहीं हुई. न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन ने सुनवाई जारी रखने को कहा है.
मुस्लिम पक्ष की ओर से एडवोकेट तस्लीमा अजीज अहमदी ने कहा कि विवादित संपत्ति, वक्फ संपत्ति होने के कारण इस संपत्ति विवाद का निपटारा केवल वक्फ न्यायाधिकरण के समक्ष ही किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि कोई भी पीड़ित व्यक्ति होने के नाते ट्रिब्यूनल के समक्ष अपनी समस्या उठा सकता है. यह मामला मियाद अधिनियम से वर्जित है. उनका कहना था कि पक्षकारों ने 12 अक्टूबर 1968 को समझौता किया था और कहा कि 1974 में तय किए गए सिविल मुकदमे में समझौते की पुष्टि की गई है. समझौते को चुनौती देने की सीमा तीन साल है लेकिन मुकदमा 2020 में किया गया है और इस प्रकार वर्तमान मुकदमा मियाद अधिनियम से वर्जित है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बहस में उन्होंने कहा कि मूर्ति न्यायिक व्यक्ति होने के नाते समयसीमा अनुबंध के अनुसरण में कब्जे की तारीख से लागू होगी.
छात्र को ईडब्ल्यूएस श्रेणी में प्रवेश न देने पर जानकारी मांगी: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने छात्र को ईडब्ल्यूएस श्रेणी में अनिवार्य शिक्षा कानून के तहत में प्राथमिक विद्यालय में प्रवेश देने से इनकार के मामले में राज्य सरकार से उचित कारण सहित जानकारी मांगी है. कोर्ट ने यह भी कहा है कि यदि प्रवेश से इनकार करने का उचित कारण नहीं बता सके तो षी अधिकारियों के खिलाफ सख्त आदेश दिया जाएगा. यह आदेश न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ल ने छात्र अमान अहमद व तीन अन्य की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है. याचिका में कहा गया है कि याची कैराना का निवासी है. उसने प्राथमिक विद्यालय में प्रवेश के लिए आवेदन किया और उचित कारण बताए बगैर उसे प्रवेश देने से इनकार कर दिया गया.