लखनऊ। विशेष न्यायाधीश, पॉक्सो एक्ट मयंक त्रिपाठी 15 साल की नाबालिग लड़की के साथ अश्लील हरकत करने के अभियुक्त श्रवण उर्फ गोलू की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए अपने बयान में कहा है कि अभियुक्त ने उसके अंडर गारमेंट तक उतार दिए थे, लिहाजा अभियुक्त का अपराध गम्भीर प्रकृति है।
अभियोजन की ओर से दलील दी गई थी कि घटना सरोजनी नगर थाना क्षेत्र की है। 12 अक्टूबर रात 11 बजे पीड़िता घर पर अकेली थी। उसकी माँ घर से थोड़ी दूर पर मेहंदी लगा रही थीं और पिता रात्रि भोजन के बाद टहलने निकले थे। आरोप है कि इसी दौरान अभियुक्त पानी मांगने के बहाने घर में घुस गया व अकेला पाकर उसके साथ अश्लील हरकतें करने लगा।
आरोप है कि अभियुक्त ने पीड़िता को पकड़ लिया तथा जांघ व सीने पर हाथ फेरने लगा, पीड़िता ने शोर मचाना चाहा तो उसका मुंह दबा दिया व धमकी दी कि किसी को भी इस बारे में बताया तो वह पीड़िता और उसके परिवार को खत्म कर देगा।
वहीं अभियुक्त की ओर से दलील दी गई कि उसे मामले में मनगढ़ंत तथ्यों के आधार पर झूठा फँसाया गया है, घटना का एक भी निष्पक्ष गवाह नहीं है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के पश्चात पारित अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त पर लगा आरोप गम्भीर प्रकृति का है और इस मामले में अभी पीड़िता का कोर्ट के समक्ष गवाही होना शेष है लिहाजा अभियुक्त को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता।