लखनऊ नगर निगम का बाबू 6 महीने से चला रहा था तबादला रैकेट, जानें पूरा मामला
लखनऊ नगर निगम के एक बाबू ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी का हस्ताक्षर स्कैन कर तमाम सफाई कर्मियों का ट्रांसफर दिया।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। लखनऊ नगर निगम के एक बाबू ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी का हस्ताक्षर स्कैन कर तमाम सफाई कर्मियों का ट्रांसफर दिया। वह छह महीने से फर्जी ट्रांसफर आदेश से कर्मचारियों को इधर से उधर कर रहा था। इसके नाम पर सफाई कर्मियों का शोषण कर रहा था। अधिकारियों को कानो कान खबर नहीं थी।
नए नगर आयुक्त के आते ही मामले का खुलासा हुआ। उन्होंने जांच करायी तो इसमें नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग का बाबू जुनैद मास्टर माइंड निकला। वह खुद नगर स्वास्थ्य अधिकारी के लेटर पैड पर हस्ताक्षर स्कैन कराकर तबादला कर रहा था। इसके नाम पर सफाई कर्मियों से मोटी रकम वसूल रहा था। जांच में पुष्टि पर नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह ने सोमवार बाबू को सस्पेंड कर एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया है।
नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग में लम्बे समय से तैनात बाबू जुनैद एक समय नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुनील रावत का काफी खास कर्मचारी था। लेकिन बाद में उन्हीं के हस्ताक्षर से फर्जीवाड़ा करने लगा। नगर स्वास्थ अधिकारी के नाम से उनका ही बाबू फर्जीवाड़े कर रहा था इसकी उन्हें लम्बे समय तक भनक तक नहीं लगी। जब फर्जी आदेश से ज्यादा कर्मचारियों के तबादले होने लगे तो कुछ सफाई कर्मचारी नेताओं ने उनसे शिकायत की थी। मामला नये नगर आयुक्त डॉ. इंद्रजीत सिंह तक पहुंचा। उन्होंने जांच करायी तो पता चला कि एनएसए के लेटर पैड पर उनके हस्ताक्षर स्कैन कर उनका ही बाबू कर्मचारियों के तबादले कर रहा था। अभी तक करीब एक दर्जन कर्मचारियों के फर्जी तबादले की पुष्टि हुई है। लेकिन अधिकारियों को आशंका है कि बाबू ने पिछले साल भी तमाम तबादले किये और फिर उनका फर्जी पत्र से संशोधन किया।
फर्जी आदेश से ट्रांसफर फिर संशोधन के नाम पर वसूली
पहले बाबू सफाई कर्मचारियों का फर्जी आदेश से ट्रांसफर करता था। फिर जब कर्मचारी परेशान होते थे तो वह उन्हें अपने पास बुलाकर उनसे डील करता था। आदेश के संशोधन के नाम पर वह सफाई कर्मियों से मोटी रकम वसूलता था। इसके बाद दूसरा पत्र जारी कर इसमें संशोधन कर देता था। इस फर्जीवाड़े से उसके लाखों रुपए कमाने की पुष्टि हुई है। अपर नगर आयुक्त अभय पाण्डेय ने बताया कि बाबू नगर स्वास्थ्य अधिकारी के हस्ताक्षर स्कैन कर तबादले करता था। वह यह सब पैसे वसूली के लिए कर रहा था। ज्यादातर सफाई कर्मचारी अनपढ़ हैं। इसीलिए वह बाबू का फर्जीवाड़ा पकड़ नहीं पाए।
नगर स्वास्थ्य अधिकारी के पैड पर हस्ताक्षर स्कैन कर बाबू सफाई कर्मियों के ट्रांसफर करता था। जानकारी पर जांच करायी गयी, जिसमें पुष्टि हुई है। बाबू को तत्काल सस्पेंड कर दिया गया है। एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए गए हैं।