अयोध्या सावन झूला मेला इस दिन से होगा शुरू, चांदी के झूले पर विराजेंगे रामलला

सावन झूला मेला की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। सावन शुक्ल तृतीया यानी हरियाली तीज तदनुसार रविवार से झूलन मेला मणिपर्वत के उत्सव के साथ शुरू हो जाएगा।

Update: 2022-07-30 06:29 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सावन झूला मेला की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। सावन शुक्ल तृतीया यानी हरियाली तीज तदनुसार रविवार से झूलन मेला मणिपर्वत के उत्सव के साथ शुरू हो जाएगा। इसी के साथ अधिकांश मंदिरों में विराजमान भगवान को झूले पर प्रतिष्ठित कर उत्सव मनाया जाएगा। इस उत्सव में देश भर से लाखों श्रद्धालु भी हिस्सा लेंगे। फिलहाल झूलनोत्सव को लेकर अलग-अलग मंदिरों में आचार्यों की परम्पराएं भी अलग हैं। इसी कड़ी में सबसे पहले रामजन्मभूमि की परम्परा नाग पंचमी से झूलन उत्सव की है।

रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येन्द्र दास शास्त्री बताते हैं कि श्रीरामजन्मभूमि ट्रस्ट की ओर से रामलला के लिए करीब साठ किलो चांदी का झूला बनवाया गया है। इसी झूले पर रामलला अपने अनुजों के साथ विराजेंगे। सावन पूर्णिमा तक चलने वाले उत्सव में प्रतिदिन अलग-अलग मंदिरों से संत-महंतों को बुलाकर ट्रस्ट की ओर से उन्हें सम्मानित किया जाएगा। इसी तरह से मंदिर परम्परा के गायक कलाकारों को भी बुलाकर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होगा और उन्हें भी सम्मानित किया जाएगा।
विवाह उपासना ही विअहुति भवन की आचार्य परम्परा
मधुर उपासना परम्परा की प्रसिद्ध स्थली विअहुति भवन की उपासना परम्परा ही भगवान श्रीसीताराम का विवाहोत्सव है। यही कारण है कि यहां चैत्र व बैसाख के अलावा ज्येष्ठ मास की पंचमी को छोड़कर प्रत्येक माह की पंचमी पर भगवान का विवाहोत्सव रामार्चा पूजन के साथ मनाया जाता है और रामजी के विग्रह रुप में श्रीरामचरितमानस का पूजन किया जाता है। अगहन शुक्ल पंचमी जिसे विवाह पंचमी कहते हैं, इस अवसर पर भगवान के भव्य विवाहोत्सव के साथ मंदिर का वार्षिकोत्सव भी मनाया जाता है। इसी तरह से यहां झूलनोत्सव का शुभारम्भ भी पंचमी के पर्व पर भगवान के विवाहोत्सव से किया जाएगा। पुन: भगवान के स्वरूपों को दुल्हा-दुल्हिन सरकार के रूप में झूले पर प्रतिष्ठित कर प्रतिदिन सांस्कृतिक उत्सव मनाया जाएगा और आचार्यों के रचित पदों का गायन होगा।
अव्यवस्थाओं पर बिफरे जिलाधिकारी, चाक चौबंद करने का दिया निर्देश
सावन मेला की तैयारियों का निरीक्षण करने निकले जिलाधिकारी नितीश कुमार ने मणिपर्वत सहित पूरे मेला क्षेत्र का भ्रमण किया। इस दौरान उन्हें जगह-जगह अव्यवस्थाओं से रूबरू होना पड़ा जिसके कारण उनका पारा चढ़ गया। उन्होंने विभागाध्यक्षों पर नाराजगी जताते हुए चेतावनी दी। इसके साथ अविलंब व्यवस्थाओं को दूर करने का निर्देश दिया।

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