Kushinagar राजापाकड़/कुशीनगर: विकास खंड दुदही के ग्राम पंचायत विजयपुर उत्तर पट्टी में चल रहे राम कथा के छठवें दिन बुधवार को पं प्रशान्त जी महाराज ने राम कथा के माध्यम से चारों भाईयो का विवाह,जनकपुर से सीता की विदाई होकर अयोध्या आना, राज्याभिषेक की तैयारी, कैकयी को मंथरा का समझाना, कोपभवन में कैकयी से दशरथ को चौदह वर्ष का राम को वनवास देना, वनगमन, तमसा नदी के तट पर निषाद राज से मिलना, केवट संवाद जैसे मार्मिक प्रसंग सुनाकर सबको भाव विभोर कर दिया।
कथावाचक ने कहा की प्रभु की लीला भक्ती, ज्ञान व वैराग्य को लेकर एक साथ चलना बड़ा मुश्किल काम है। यदि राम ज्ञान हैं तो लक्ष्मण वैराग्य और माता सीता भक्ति हैं। इस अवसर पर वैदिक धीरज, यजमान रामनरेश गुप्ता, सुधीर शुक्ला,संतोष, गोकुल, संतोष दास, मणिशंकर मिश्रा, दुर्गेश मिश्रा, राकेश, नवेन्दु,शिवम, उत्कर्ष, अतुल, अभिराम, अवधेश, हरिवंश के अलावा काफी संख्या मे श्रोता गण उपस्थित रहे।