यूपी में आर्टिफिशेयल इंटेलीजेंस से खुलेंगे संभावनाओं के नए द्वार

आर्टिफिशेयल इंटेलीजेंस

Update: 2024-02-23 08:57 GMT

मथुरा: योगी सरकार एआई यानी आर्टिफिशेयल इंटेलीजेंस की इस ताकत को पहचानते हुए इसके जरिए यूपी के लिए संभावनाओं के नये द्वार तलाशने लगी है. जीबीसी-4.0 के दूसरे दिन यानी 20 को योगी सरकार एफडीआई एंड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस - अनलॉकिंग ऑपरच्युनिटीज़ इन उत्तर प्रदेश जैसे महत्वपूर्ण विषय पर बड़े स्तर पर मंथन करने जा रही है. भविष्य में एआई तकनीक की मदद से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को कैसे लंबी छलांग दी जा सकती है, इसे लेकर देश-दुनिया के विशेषज्ञ अपना रोडमैप सरकार के सामने रखेंगे.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डीप/मशीन लर्निंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसी नई टेक्नोलॉजी की मदद से प्रदेश के युवाओं के लिए अधिक से अधिक रोजगार का सृजन किया जा सके. विशेषज्ञों के अनुसार आने वाले वक्त में उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में एआई की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होने जा रही है.

तकनीक पर महामंथन

प्रदेश की योगी सरकार कृत्रिम बुद्धिमत्ता से संबंधित उत्पादों के निर्माण पर आधारित उद्योगों की स्थापना को प्राथमिकता देने लगी है. इसी के लिए प्रदेश सरकार विशेषज्ञों के पैनल संग एआई तकनीक पर महामंथन करने जा रही है. जिसके बाद कई तरह की संभावनाएं बनेंगी.

5000 अतिथियों के लिए पार्किंग की व्यवस्था

कार्यक्रम में 5000 अतिथि आ रहे हैं. अति विशिष्ट श्रेणी में 274 उद्योगपति, केन्द्र , अन्य राज्यों के 52 मंत्री आ रहे हैं. अति विशिष्ट श्रेणी में केन्द्रीय विभागों के बड़े अधिकारी भी शामिल है. पार्किंग की व्यवस्था पांच वर्गों में अतिथियों को वर्गीकृत करते हुए की गई है.

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