आगरा न्यूज़: किराए की डिग्री पर संचालित अस्पताल और पैथलॉजी लैब के मामले में स्वास्थ्य विभाग लगातार शिकंजा तेज कर रहा है. अब स्वास्थ्य विभाग ने यमुना पार में सील की दस पैथोलॉजी लैब के आवेदन निरस्त कर दिए हैं. यहां छापेमारी के दौरान डॉक्टर तैनात नहीं मिले थे. इन्होंने नए डॉक्टर और टेक्नीशियन के साथ नए सिरे से आवेदन किया था.
15 डॉक्टरों के नाम पर 449 अस्पताल और पैथलॉजी लैब संचालित मिलीं थीं. मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने टीम गठित करते हुए छापेमार कार्रवाई शुरू की. इसमें यमुना पार की दस पैथलॉजी लैब सील की गई थीं. छापेमारी के दौरान यहां डॉक्टर नहीं मिले थे. स्टॉफ ही जांच रिपोर्ट पर मुहर और फर्जी साइन कर रहे थे. अब इनके आवेदन को निरस्त किया है. इसमें से पांच लैब डॉ. मनीष कुमार वाष्णेय के नाम और तीन लैब डॉ. शबीना अशरफ के नाम से थीं. डॉ. रविंद्र कुमार और डॉ. अनिल कुमार के नाम से एक-एक लैब है.
भौतिक सर्वे किया जाएगा
सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि इन पैथलॉजी लैब को सील करने पर नोटिस भेजा गया था. जवाब में संचालकों से पूर्व के डॉक्टरों का पैनल हटाते हुए चिकित्सक और टेक्नीशियन के नाम से आवेदन, डॉक्टर का नाम, डिग्री, सेवाएं देने का समय सहित अन्य शपथ पत्र मांगा है. सीसीटीवी कैमरे सहित अन्य मानकों का भौतिक सर्वे किया जाएगा. मानक पूरे न होने पर लाइसेंस निरस्त की कार्रवाई होगी.