वाराणसी। जनपद के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में डेंगू को फैलने से रोकने के लिए हर संभव प्रयास जारी हैं। साथ ही बचाव के तरीके को बताकर लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है। इसी क्रम में बृहस्पतिवार को रामनगर क्षेत्र के साहित्य नाका, गोला घाट में स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्वास्थ्य शिविर लगाया गया। शिविर में करीब 117 लोगों को परामर्श दिया गया। जिसमें से 77 लोगों की डेंगू (एनएस-1) व मलेरिया की जांच की गई, जिसमें कोई भी पॉज़िटिव नहीं पाया गया। इस दौरान आवश्यतानुसार दवा वितरण के साथ बचाव के उपाय व जागरूकता कार्य किया गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा डेंगू को फैलने से रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम भी किए गए हैं। डेंगू, मलेरिया जैसी गंभीर बीमारियों और संचारी रोग से बचने के लिए जन-समुदाय को खास सतर्कता बरतना जरूरी है। इसके लिए शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में साफ- सफाई, एंटी लार्वा छिड़काव व फागिंग का कार्य किया जा रहा है। सर्दी, जुकाम, बुखार, खांसी एवं उल्टी होने पर सरकारी चिकित्सालयों व स्वास्थ्य केंद्र पर जांच व डॉक्टर की सलाह पर ही दवा लें, सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। किसी भी गली और मुहल्ले में पानी इक्ट्ठा ना होने देने के लिए लोगों से इस बीमारी को फैलने से रोकने में अपना सहयोग देने की अपील की जा रही है। हर रविवार को जल के सभी स्रोतों की साफ - सफाई का अवश्य ध्यान रखें।
संचारी रोग नियंत्रण के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ. एसएस कनौजिया ने बताया कि डेंगू बुखार बारिश के मानसून में ज्यादा प्रभावी हो जाता है और इसी कारण से सबसे ज्यादा लोग इस बीमारी से पीड़ित होते हैं। मॉनसून के साथ डेंगू के मच्छर पनपते हैं। डेंगू को फैलने से रोकने के लिए लोगों को लगातार जागरूक किया जा रहा है। इसके लक्षण जैसे तेज बुखार, सिरदर्द शुरू के तीन से चार घंटों तक जोड़ों में भी बहुत दर्द होता है। आंखें लाल होना, बुखार दो से चार दिन तक रहता है और फिर धीरे-धीरे तापमान सामान्य हो जाता है। बुखार के साथ-साथ शरीर में खून की कमी हो जाती है। शरीर का तापमान बढ़ जाता है और ब्लड-प्रेशर भी सामान्य से बहुत कम हो जाता है। इनमें से अगर किसी भी लक्षण के कारण आपका शरीर प्रभावित होता है तो तुरंत सरकारी स्वास्थ्य केंद्र या चिकित्सालय में जाकर जांच व उपचार कराएं।
डॉ. कनौजिया ने बताया कि इस वर्ष अब तक जनपद में 139 डेंगू (एलाइजा) के पुष्ट मरीज चिन्हित किए जा चुके हैं। इसमें से 125 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। शेष इलाज पर हैं। कोई भी गंभीर स्थिति में नहीं है। इस मौके पर डॉ. सीएस सिंह, फाइलेरिया इकाई प्रभारी डॉ. अमित कुमार सिंह, फाइलेरिया निरीक्षक अजय कुमार शुक्ला, संजय कुमार जायसवाल, संजय कुमार सिंह व घरेलू प्रजनन जांचकर्मी (डीबीसी) मौजूद रहे।
बचाव के तरीके –
घर में एवं आसपास पानी एकत्र न होने दें, साफ़ सफाई का विशेष ध्यान रखें।
यदि घर में बर्तनों आदि में पानी भर कर रखना है तो ढक कर रखें। यदि जरुरत ना हो तो बर्तन खाली करके या उल्टा कर के रख दें।
कूलर, गमले आदि का पानी रोज बदलते रहें। यदि पानी की जरूरत ना हो तो कूलर आदि को खाली करके सुखायें।
ऐसे कपड़े पहनें जो शरीर के अधिकतम हिस्से को ढक सकें।
मच्छर रोधी क्रीम, स्प्रे, लिक्विड, इलेक्ट्रॉनिक बैट आदि का प्रयोग मच्छरों के बचाव हेतु करें।