लखनऊ: सपा का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को विधायक शहजील इस्लाम से मुलाकात नहीं कर पाया. शहजील इस्लाम पर यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मामला दर्ज हुआ था. सपा MLC संजय लाथर के नेतृत्व में 12 सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल शहजील से मुलाकात करने पहुंचा था. लेकिन पहले प्रतिनिधिमंडल इस्लाम के पेट्रोल पंप पर इंतजार करते रहे, जिसे अवैध बताते हुए हाल ही में तोड़ दिया गया. इसके बाद ये नेता इस्लाम के घर पहुंचे लेकिन घर बंद था. ऐसे में उन्हें बिना मिले ही लौटना पड़ा.
इससे कुछ दिन पहले ही सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा सीतापुर जेल में बंद आजम खान से मुलाकात नहीं कर पाए थे. हालांकि, इससे पहले कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम और प्रसपा चीफ शिवपाल यादव ने जेल में आजम खान से मुलाकात की थी. आजम खान ने रविदास से मुलाकात करने से इनकार कर दिया था. जेल प्रशासन की ओर से कहा गया था कि आजम की तबीयत ठीक नहीं है. हालांकि, कुछ रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि आजम खान ने उनसे मुलाकात करने से इनकार कर दिया था.
माना जा रहा है कि ये दोनों राजनीतिक घटनाएं सपा में मुस्लिम नेताओं की नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है. इतना ही नहीं सपा के कई नेता योगी सरकार में कथित तौर पर मुस्लिमों के उत्पीड़न पर अखिलेश यादव की चुप्पी पर भी निशाना साध चुके हैं.
अखिलेश यादव ने सपा विधायक शहजील इस्लाम से मिलने के लिए प्रतिनिधिमंडल भेजा था, लेकिन वह इस्लाम से मुलाकात नहीं कर पाया. सिर्फ इस्लाम ही नहीं, उनके परिवार के किसी भी सदस्य ने सपा नेताओं से मुलाकात नहीं की.
इस्लाम का फोन भी बंद आ रहा है. पड़ोसियों का कहना है कि शहजील कहां हैं, उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. हालांकि, सूत्रों का कहना है कि विधायक और विधायक का परिवार इसलिए सपा से दूरी बना रहा है, क्योंकि उन्हें डर है कि कहीं प्रशासन उनपर और कार्रवाई न कर दे.
उधर, बरेली की जिला अदालत ने शुक्रवार को इस्लाम की अग्रिम जमानत रद्द कर दी. वहीं, सपा एमएलसी ने इस्लाम से मुलाकात न करने को लेकर कहा कि शहजील इस्लाम ने निजी और पारिवारिक वजहों से प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात नहीं की. उन्होंने कहा, योगी सरकार बहुत निर्दयी है. यह लोगों को डराना चाहते हैं. इसलिए ये सरकार बुलडोजर चला रही है. सरकार टेरर फैला रही है. हम इस मुद्दे को सदन में उठाएंगे.
शहजील इस्लाम ने सीएम पर निशाना साधते हुए कहा था कि अब सीएम योगी आदित्यनाथ की तानाशाही नहीं चलेगी. अगर वे कुछ बोलेंगे, तो हम चुप नहीं रहेंगे. हमारी बंदूक से धुआं नहीं बल्कि गोली निलकेगी. हालांकि, शहजील ने इस वीडियो को एडिटेड बताया था.