लखनऊ, हजरतगंज स्थित उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव बैंक (यूपीसीबी) के खाते से 146 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने के मामले में साइबर क्राइम पुलिस ने इंजीनियरिंग कालेज चौराहे से एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है। जबकि, टीम अभी चिन्हित 25 हजार के तीन अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए ताबड़तोड़ दबिश दे रही है। गिरफ्तार आरोपी पूर्व प्रबंधक आरएस दुबे गैंग का सक्रिय साथी है।
एसपी साइबर क्राइम त्रिवेणी सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी पूर्व प्रबंधक आरएस दुबे और सुखसागर सिंह चौहान से पूछताछ में पता चला कि चार अन्य आरोपियों ने भी इनका इस खेल में पूरा साथ दिया है। जिन्हें चिन्हित करते हुए चारों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था।
इन चारों आरोपियों की पहचान उमेश कुमार गिरी ,ज्ञानदेव पाल, रवि सिंह वर्मा और सतीश कुमार के रूप में हुई थी। जिनकी गिरफ्तारी के लिए टीम बनाकर ताबड़तोड़ दबिश दी जा रही थी। इसी बीच टीम को गुप्त सूचना मिली कि इस मामले में फरार चल रहा आरोपी काकोरी थाना क्षेत्र निवासी सतीश कुमार (32) लखनऊ में घूम रहा है। सूचना पर पहुंची टीम ने आरोपी को धर दबोचा। गिरफ्तार आरोपी ने पूछताछ में बताया कि इस पूरे खेल में पैसा ट्रांसफर करने के बाद उस पैसे को नगद (हार्ड कैश) कराने की जिम्मेदारी इसे सौंपी गई थी। जिसके लिए वह दिल्ली भी गया था। साथ ही इस आनलाइन ठगी के लिए लगातार अन्य अरोपियों से फोन काल व व्हाटसअप काल के जरिए संपर्क में था।
दो आरोपी पहले हो चुके हैं गिरफ्तार
बता दें कि इस पूरे फ्राड मामले में साइबर क्राइम पुलिस ने पूर्व प्रबंधक आरएस दुबे और सुखसागर सिंह चौहान को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। दोनों आरोपियों की निशानदेही पर ही चारों आरोपियों को चिन्हित करते हुए 25-25 हजार रुपये का ईनाम घोषित किया गया है। ये चारों आरोपी पूर्व प्रबंधक आरएस दुबे के गैंग के सक्रिय सदस्य हैं। जो इस फ्राड में इनकी मदद की थी।
सोर्स - अमृत विचार ।