'अनारकली' Expressway से पहुंची अब वन रेंज, महावत गया जेल; मालिक पर भी कसा शिकंजा
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर टहलती हथिनी अब दुबग्गा वन रेंज पहुंच गई है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर टहलती हथिनी अब दुबग्गा वन रेंज पहुंच गई है। जबकि महावत रामकिशन को अदालत ने 12 अगस्त तक की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। हथिनी के मालिक कोई वैध कागजात नहीं दिखा पाए हैं। बता दें कि दो दिन पहले एक्सप्रेसवे पर हथिनी का वीडियो वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया था। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी ट्वीट के जरिए योगी सरकार पर निशाना साधने की कोशिश की थी। मौके पर पहुंची यूपीडा, पुलिस और वन विभाग की टीम ने इस मामले में ऐक्शन लिया है।
दरवाजे पर बंधी जिस अनारकली हथिनी के कारण पुरवा उन्नाव के करुणाशंकर अवस्थी सीना तानकर चलते थे उनके बेटा अमन अवस्थी शनिवार को बिना पंजीकरण के हथिनी पालने के आरोप में न्यायालय में सिर झुकाए खड़ा थे। हथिनी को अपने इशारे पर चलाने वाले महावत राम किशन भी वन रेंजरों के बीच हाथ बांधे खड़े थे। न्यायालय में हथिनी पालने का कोई वैध कागज वह नहीं दिखा सके। न्यायालय ने पूरे मामले की सुनवाई करते हुए अनारकली को सफीपुर के देशराज की सुपर्दगी में दे दिया है। महावत राम किशन को न्यायिक हिरासत में 12 अगस्त तक जेल भेज दिया है। राम किशन की जमानत पर सोमवार को सुनवाई होगी।
मोहर्रम के जुलूस में शामिल होने के लिए अनारकली हथिनी पुरवा से लखनऊ आ रही थी। शुक्रवार को महावत आगरा एक्सप्रेस वे के पास मौंदा गांव के निकट खाना खाकर आराम कर रहा था। तभी हथिनी अनारकली आगरा एक्सप्रेस वे पर चढ़ गई। वह टोल प्लाजा तक पहुंच गई। जब इसका वीडियो वायरल हुआ तो वन विभाग और पुलिस के लोग वहां पहुंचे। उन्होंने अनारकली को और महावत रामकिशन को पकड़कर वन विभाग की दुबग्गा वन रेंज भेज दिया।
वन विभाग ने शनिवार को यह मामला सीजेएम न्यायालय में पेश किया। साथ ही महावत राम किशन को भी। उन्नाव से आए अनारकली के मालिक करुणाशंकर अवस्थी के बेटे अमन अवस्थी अपने पिता की तरफ से न्यायालय में पेश हुए। अमन अवस्थी ने बताया कि अनारकली पुश्तैनी है। वह सन् 70 से उनके यहां पली हैं। पंजीकरण नवीनीकरण के लिए उन्होंने उन्नाव वन विभाग में आवेदन किया है।
जिला वन अधिकारी डा. रवि कुमार ने बताया कि हथिनी के मालिक के पास कोई वैध कागजात नहीं थे। अब मामला न्यायालय में है। वहां से जो फैसला होगा उसे माना जाएगा। हथिनी रविवार को देशराज की सुपर्दगी में दे जीएगी।
सुपुर्दगी में पांच किलो घी और गुड़ खाएगी अनारकली
सुपुर्दगी लेने के लिए देशराज ने जो शपथपत्र दिया है उसमें उन्होंने कहा कि वह फिलहाल अनारकली को गन्ना, रोटी और अन्य चारा खिलाएंगे। जाड़े में उसे दो किलो गुड़, आधा किलो आजवाइन, चारे के साथ आधा किलो नमक खिलाया जाएगा। इसके अलावा गर्मियों में दिनभर में पांच किलो देसी घी और एक किलो काली मिर्च देंगे। इसके अलावा 15 गुणा 12 फुट का आवास मुहैया होगा।
हाथी पालने के लिए ये हैं नियम
हाथी पालने के लिए चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डेन से एनओसी लेनी पड़ती है। एनओसी के लिए पालक को आवेदन करना होता है। फिर वन विभाग की टीम जांच कर एनओसी और लाइसेंस देने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाती है। वन विभाग देखता है कि हाथी पालने वाले के पास उसके भोजन और आवास की व्यवस्था है कि नहीं। इसके अलावा हाथी के चिकित्सीय प्रबंध को भी देखा जाता है। साथ ही प्रशिक्षित महावत होना जरूरी है। इसके बाद लाइसेंस देता है।
हाथी पालने का पंजीकरण न कराने वालों के खिलाफ वन विभाग न्यायालय में अर्जी देता है। कोर्ट के आदेश के बाद हाथी को जब्त किया जाता है। फिर जांच पड़ताल के बाद आगे की कार्रवाई की जाती है। हाथी की जांच में यदि मानसिक स्थिति ठीक नहीं होती है तो उसे मथुरा और अन्य को दुधवा वन रेंज में भेजा जाता है।
अखिलेश ने बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे की गुणवत्ता पर उठाए थे सवाल
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्सप्रेसवे पर हथिनी के वीडियो के साथ ट्वीट के जरिए प्रदेश सरकार पर तंज कसा था और लगे हाथ बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की गुणवत्ता पर सवाल भी उठा दिया था। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था-'ये तो गनीमत है कि पाबंदी के बावजूद हाथी जी सपा के बनाए मजबूत 'आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे' पर विचरण कर रहे हैं, कहीं ग़लती से ये बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे पर चले गये होते तो गुणवत्ता का मारा वो बेचारा इनका वज़न सह नहीं पाता… वो ख़ुद खंडित होता और ये चोटिल। एक्सप्रेस-वे सुरक्षा कहाँ है?'