एमिटी स्कूल के स्टूडेंट्स ने चलाया अभियान

Update: 2023-02-03 10:14 GMT
गौतम बुद्ध नगर। एमिटी स्कूल के नौवीं और दसवीं के स्टूडेंट्स ने एमिटी विश्वविद्यालय के कैंपस में सीनियर छात्रों को बुलिंग ना करने और ना ही सहने की शपथ दिलाई। इस अवसर पर फाइन आर्टस के 20 छात्रों ने एंटी बुलिंग पर लाइव पेंटिंग बनाकर जागरूक किया। चैयरपर्सन दिव्या चौहान ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि बुलिंग या धमकाना एक गलत प्रथा है। ये प्रथा छात्रों के आत्म सम्मान और आत्मविश्वास को कम करती है। इसलिए इसे रोकना आवश्यक है। देश के युवाओं को समाज में मौजूद सामाजिक बुराइयों और प्रथाओं के खिलाफ आवाज उठाना चाहिए और इस पहल में एमिटी स्कूल और विश्वविद्यालय दोनों के छात्र शामिल है बदलाव लाने की दिशा में बड़ा कदम है।
एमिटी इंटरनेशनल स्कूल पुष्प विहार की कक्षा 9वीं की छात्रा समाया चौहान ने कहा कि बुलिंग या धमकाना एक प्रकार का दुव्र्यवहार है जिससे लोग प्रभावित होते है। लेकिन उससे पूरी तरह से अनजान रहते है। कई बार तो मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक शोषण से ग्रस्त होकर अपने ही व्यक्तित्व पर सवाल खड़ा कर देते है। हमने इस समस्या को पहचाना और पहल करते हुए ठोस बदलाव लाने के लिए लोगों को जागरूक करना है। बुलिंग करना और सहना दोनों गलत है। चौहान ने कहा कि स्कूल और कॉलेज के छात्रों की ओर से सामुदायिक आउटरिच के लिए दिल्ली एनसीआर में नेत्र हीन विद्यालयों, अनाथालय, शॉपिंग मॉल, एनजीओ, ट्रैफिक सिग्नल, कार्य स्थल और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर विभिन्न सत्र आयोजित किये गये है। डाॅ. संपूर्णा गुहा ने कहा कि छात्रों को बुलिंग या डराने धमकाने के किसी भी कृत्य को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए। इन मामलों की जानकारी संबंधित अधिकारी, शिक्षकों से करनी चाहिए और समस्या को अपने अभिभावकों व मित्रों से भी साझा करना चाहिए। बुलिंग के खिलाफ जागरुकता फैलाना और उसके खिलाफ खड़े होना समय की मांग है।
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