Allahabad: हत्याकांड में दया याचिका पर मुख्य अपराधी रिहा

मुख्य अपराधी को बरेली केंद्रीय कारागार से रिहा किया गया.

Update: 2024-07-15 07:17 GMT

इलाहाबाद: खैर के गांव बिसारा में पूर्व में हुए हरे हत्याकांड के मुख्य अपराधी को राज्यपाल के स्तर से स्वीकृत हुए दया याचिक पर रिहा किया गया है. मुख्य अपराधी को बरेली केंद्रीय कारागार से रिहा किया गया.

शासन में की गई अपील के आधार पर पिछले वर्ष फरवरी में राज्यपाल की संस्तुति पर खैर के गांव बिसारा के कप्तान सिंह की रिहाई का आदेश जारी हुआ. जिसमें कहा गया कि 16 नवंबर 2022 तक उसने 16 वर्ष माह व 13 दिन व 20 वर्ष नौ माह 28 दिन की सपरिहार सजा भोगी है. अगर अन्य किसी मुकदमे में उसका जेल में निरुद्ध रखा जाना वांछित न हो तो उसे रिहा किया जाए. इसी आदेश के क्रम में अब आकर उसे बरेली सेंट्रल जेल से रिहा किया गया है. बता दें कि कप्तान बरेली से पहले नैनी केंद्रीय कारागार में निरुद्ध था. उसके परिवार की ओर से इतनी लंबी कारावास काटने पर दया याचिका दायर की गई थी. इसी क्रम में उसे रिहा किया गया है. पहर उसके रिहा होकर आने की खबर पर गांव व क्षेत्र में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया. कप्तान के विपक्षी पक्ष से पैरवी कर रहे राहुल ने बताया कि कप्तान के आपराधिक इतिहास व अन्य तथ्यों के आधार पर अपील रिहाई के खिलाफ हाईकोर्ट में हैं. साथ में शासन में शिकायतें हैं. रिहाई से हमारे परिवार को सुरक्षा का खतरा है.

वाहन ने ई-रिक्शा चालक को रौंदा, मौत

क्वार्सी चौराहे पर की रात वाहन की चपेट में आकर ई-रिक्शा चालक की मौत हो गई. वह सड़क पार कर रहा था. पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया. रजा नगर निवासी मो.अख्तर (23) ई-रिक्शा चालक था. परिवार में बेटी व पत्नी है. परिजनों के अनुसार की रात वह घर पर ई-रिक्शा खड़ा कर घूमने चला गया. क्वार्सी चौराहे के पास सड़क पार कर रहा था. तभी अज्ञात वाहन की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गया. देर रात मेडिकल में उप के दौरान मो.अख्तर ने दम तोड़ दिया.

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