इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ताजमहल के 22 कमरे खुलवाने के लिए दायर याचिका की खारिज, याचिकाकर्ता को फटकार भी मिली
दिल्ली: ताजमहल के 22 कमरों को खोलने की मांग वाली याचिका को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने खारिज कर दिया है. सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाने की मांग के औचित्य पर सवाल उठाया और याचिकाकर्ता से पूछा कि कमेटी बनाकर आप क्या जानना चाहते हैं? कोर्ट ने कहा कि याचिका समुचित और न्यायिक मुद्दों पर आधारित नहीं है.
जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने ताजमहल पर दायर विवाद में गुरुवार को सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता से पूछा कि आप कौन से जजमेंट दिखा रहे हैं. याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के कई जजमेंट पेश किए, जिनमें अनुच्छेद 19 के तहत बुनियादी अधिकारों और खासकर उपासना, पूजा और धार्मिक मान्यता की आजादी का जिक्र है.
इस पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने कहा कि हम आपकी दलीलों से सहमत नहीं हैं. सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि यह याचिका न्यायसंगत नहीं है, कमरों को खोलने के संबंध में याचिका के लिए ऐतिहासिक शोध में एक उचित पद्धति शामिल होनी चाहिए, इसे इतिहासकारों पर छोड़ देना चाहिए.