Allahabad: पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स में दो से ज्यादा प्रयोगात्मक विषय नहीं ले सकेंगे

इंटीग्रेटेड कोर्स में नहीं ले सकेंगे दो से अधिक प्रयोगात्मक विषय

Update: 2024-06-03 07:39 GMT

इलाहाबाद: प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भय्या) राज्य विश्वविद्यालय परिसर में संचालित हो रहे स्नातक पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स में दो से ज्यादा प्रयोगात्मक विषय नहीं ले सकेंगे. इससे पहले इसकी बाध्यता नहीं थी. इस संबंध में विश्वविद्यालय ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. साथ ही समाजशास्त्रत्त् व समाज कार्य में से किसी एक विषय का विकल्प ले सकेंगे.

विश्वविद्यालय परिसर में आईपीए (इंटीग्रेटेड प्रोग्राम इन आर्ट) में 60 सीटों के सापेक्ष प्रवेश होगा. इसके लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू है. इन एकीकृत पाठ्यक्रमों में विद्यार्थी दो प्रमुख विषयों का चयन करेंगे, दोनों प्रमुख विषय एक ही संकाय से होंगे. प्रत्येक विद्यार्थी को प्रथम दो वर्ष (4 सेमेस्टर) के लिए एक गौण विषय (सेकेंड्री सब्जेक्ट) का भी चयन करना होगा, जो किसी भी संकाय विभाग से हो सकता है. विद्यार्थियों को प्रथम और तृतीय सेमेस्टर में एक-एक व्यावसायिक पाठ्यक्रम और एक वैल्यू एडेड कोर्स का भी चयन करना होगा. विद्यार्थियों को द्वितीय एवं चतुर्थ सेमेस्टर में एक-एक सह-पाठ्यक्रम का और समर ट्रेनिंग का विकल्प चयनित करना होगा.

अब जितनी पढ़ाई उतनी डिग्री: अब छात्र-छात्राएं जितने साल की पढ़ाई करेंगे उतनी डिग्री मिलेगी. प्रथम की पढ़ाई पूर्ण करने पर सर्टिफिकेट, दो वर्ष पर डिप्लोमा, तीन वर्ष पर स्नातक और अब चार वर्ष पर शोध सहित ऑनर्स स्नातक की डिग्री प्रदान की जाएगी. वहीं, एक साल की और पढ़ाई करने पर परास्नातक की उपाधि प्रदान की जाएगी. चतुर्थ वर्ष के द्वितीय सेमेस्टर में एक लघु शोध परियोजना का भी प्रावधान हैं. जबकि पांचवें वर्ष का अंतिम सेमेस्टर पूर्ण रूप से शोध कार्य (शोध-प्रबंध) के लिए समर्पित है.

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