इलाहाबाद: कैंसर की जांच अब बिना चीरफाड़ के महज एक सुई के जरिए भी हो सकेगी. इसके लिए एसआरएन अस्पताल के पीएमएसएवाई बिल्डिंग में फाइन नीडल एस्पिरेशन साइटोलॉजी (एफएनएसी) व कैंसर स्क्रीनिंग केंद्र की शुरुआत हुई. केंद्र का शुभारंभ मुख्य अतिथि मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ. वत्सला मिश्रा, विशिष्ट अतिथि पूर्व प्राचार्य डॉ. एसपी सिंह, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय सक्सेना, पीएमएसएसवाई के अधीक्षक डॉ. मोहित जैन ने फीता काटकर किया. पहले यह जांच मेडिकल कॉलेज के पैथोलॉजी विभाग में पारंपरिक रूप से होती थी लेकिन मरीजों की सुविधा के लिए अब आधुनिक तकनीक से नियमित रूप से कक्ष नंबर छह की ओपीडी में की जाएगी.
मेडिकल कॉलेज में पैथोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. कचनार वर्मा ने बताया कि कैंसर की पहचान जितनी जल्दी हो, उसका इलाज उतना ही प्रभावी होता है. इसलिए ओपीडी में कैंसर जांच के लिए सुई के जरिए प्रभावित अंग के सैंपल लिए जाएंगे. इसके माध्यम से स्तन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, मुख कैंसर व कोलोरेक्टल कैंसर आदि की स्क्रीनिंग आसानी से हो सकेगी. जांच रिपोर्ट मेडिकल कॉलेज में मिलेगी. इस मौके पर डॉ. दिलीप चौरसिया, डॉ. कमलेश सोनकर, डॉ. राजुल अभिषेक, डॉ. कविता चावला, डॉ. विवेक पांडेय, डॉ. संतोष, डॉ. धर्मेन्द्र मौजूद रहे.
एसजीपीजीआई के डॉक्टर देंगे सलाह
एसआरएन अस्पताल में पीएमएसएसवाई बिल्डिंग के एनेस्थीसिया आईसीयू में ई-आईसीयू का शुभांरभ हुआ. उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऑनलाइन किया. इस सुविधा से एसजीपीजीआई लखनऊ के विशेषज्ञ डॉक्टर ऑनलाइन मरीजों को सेवाएं दे सकेंगे. डॉक्टर आईसीयू में भर्ती गंभीर मरीजों के लिए 24 घंटे उपलब्ध रहेंगे. एनेस्थीसिया आईसीयू में भर्ती गंभीर मरीजों को ई-आईसीयू सुविधा रोज सुबह 10 से 11 बजे तक उपलब्ध रहेगी. इसमें एसजीपीजीआई इमरजेंसी मेडिसिन व टेलीमेडिसिन के हेड डॉ. आरके सिंह ट्रॉली कैमरा के माध्यम से वार्ड में भर्ती गंभीर मरीजों का हाल जानेंगे. एसजीपीजीआई के डॉक्टर राडार एप के जरिए 24 घंटे इन सभी मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों में भर्ती मरीजों की ऑनलाइन देखभाल करेंगे.
एफएनएसी दर्द रहित जांच प्रक्रिया
पैथोलॉजी विभाग की प्रोफेसर डॉ. अंशुल सिंह ने बताया कि एफएनएसी कम समय लेने वाली और दर्द रहित प्रक्रिया है, जिसमें पतली सुई का उपयोग कर कोशिकाओं का नमूना लिया जाता है. इसका उपयोग शारीरिक गांठों और असामान्य ऊतकों की जांच के लिए किया जाता है, जिससे यह पता लगाया जा सकता है कि संबंधित भाग कैंसर ग्रस्त है या नहीं.