Allahabad: बेसिक शिक्षा विभाग के अफसर इंचार्ज को हेड का वेतन देने को तैयार नहीं

नियमित प्रधानाध्यापक पद का वेतन और पीछे का एरियर भुगतान करने का आदेश दिया था.

Update: 2024-06-29 08:40 GMT

इलाहाबाद: बेसिक शिक्षा विभाग के अफसर परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालयों में इंचार्ज प्रधानाध्यापकों को नियमित प्रधानाध्यापक का वेतन देने को तैयार नहीं हैं. विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के संगठन मंत्री त्रिपुरारी दुबे की ओर से 2022 में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने मई को एक माह के अंदर प्रभारी प्रधानाध्यापकों को नियमित प्रधानाध्यापक पद का वेतन और पीछे का एरियर भुगतान करने का आदेश दिया था.

उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ की नियमित प्रधानाध्यापक के वेतन भुगतान संबंधी मांग पर बांदा की बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रिंसी मौर्या ने भी को बेसिक शिक्षा निदेशक को पत्र लिखकर मार्गदर्शन देने का अनुरोध किया है. हालांकि एक महीने की समय सीमा बीतने के बावजूद विभाग ने अपना रुख साफ नहीं किया है. सूत्रों के अनुसार, हाईकोर्ट के सिंगल बेंच के आदेश को डबल बेंच में चुनौती देने की तैयारी है. इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग विधिक राय ले रहा है. परिषदीय स्कूलों में बड़ी संख्या में प्रधानाध्यापकों के पद रिक्त पड़े हैं लेकिन पिछले कई वर्षों से उन पर पदोन्नति नहीं की जा रही है. इससे प्रभारी प्रधानाध्यापक का दायित्व निभा रहे सहायक अध्यापकों में अफसरों के प्रति नाराजगी बढ़ती जा रही है. नियमित प्रधानाध्यापक का वेतन भुगतान होने पर प्रत्येक शिक्षक को हर महीने औसतन तीन से चार हजार रुपये का लाभ होगा.

आईसीटी है मीडिया का संगम: ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज के मालवीय मिशन टीचर्स ट्रेनिंग सेंटर की ओर से आयोजित 10 दिनी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) ओरियनटेशन एंड सेंसटाइजेशन कार्यक्रम का समापन हुआ. अतिथि वक्ता दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. रविकांत ने शिक्षा में आईसीटी के अनुप्रयोग पर डिजिटल माध्यम में अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि आईसीटी मीडिया का संगम है. एक ज़गह से दूसरी ज़गह अपनी बात को डिजिटल माध्यम में पहुंचाने को ही आईसीटी कहा जाता है. इस अवसर पर डॉ. सरस्वती देवी, डॉ. अश्विनी देवी, प्रो. रमेश शर्मा आदि मौजूद रहे.

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