Kushinagarराजापाकड़ /कुशीनगर: शुकदेव प्रसाद त्रिपाठी स्नातकोत्तर महाविद्यालय भठहीं खुर्द कुशीनगर में आयोजित श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के सातवें दिन प्रवचन करते हुए कथा व्यास त्रियुगीनारायण मणि त्रिपाठी ने कहा कि भगवान को प्राप्त करने के लिए पहले संत के शरण में जाना आवश्यक है। इसलिए राम भक्ति से पहले हनुमान भक्ति आवश्यक है, क्योंकि हनुमान जी की सेवा से सारे कार्य सुगम हो जाते हैं। हनुमान जी ऐसे देवता हैं जो भक्तों का कल्याण करते हैं। महावीर विक्रम बजरंगी कुमति निवार सुमति के संगी। मानव के कुमति को समाप्त करके हनुमान जी सुमति प्रदान करते हैं। हनुमान जी ने राम जी को सुग्रीव से मिलवाया तब राम ने बालि का बध किया, और सुग्रीव को राजा बनाया। हनुमान जी ने सुग्रीव पर उपकार किया। उन्होंने कहा कि हनुमान जी सीता खोज के समय विभिषण से मिल कर उनको कर्मयोग की शिक्षा दिया। राम जी ने रावण का वध कर आसुरी शक्तियों को विनष्ट करके धर्म की स्थापना की और विभिषण को राजा बनाया। हनुमान जी की भक्ति के द्वारा हम सभी सिद्धियां प्राप्त कर सकते हैं।
हनुमान जी की उपासना से जीवन का सभी क्लेश समाप्त हो जाता है। यदि किसी व्यक्ति बल , बुद्धि और विद्या प्राप्त करना है तो अनन्त,बलवन्त ,संत श्री हनुमान लाल जी के शरण में जाना आवश्यक है। इस अवसर पर ब्रह्मऋषि पंडित भोला प्रसाद त्रिपाठी, पंडित सुभाष प्रसाद त्रिपाठी, डॉ निर्मला त्रिपाठी, विश्वामित्र त्रिपाठी, रमेश त्रिपाठी, अवधेश त्रिपाठी, ब्रजेश त्रिपाठी, अमरेश त्रिपाठी, गिरिजेश त्रिपाठी , उद्भव त्रिपाठी, शीला त्रिपाठी, श्वेता त्रिपाठी, डॉ शैलेन्द्र कुमार मिश्र, डॉ नीरज पाण्डेय, राजकिशोर पाण्डेय, उमेश तिवारी, प्रदीप दूबे , डॉ पुष्पा मिश्रा, अंजन मिश्र अनूप शुक्ल सर्वेश दुबे प्रिन्स दूबे सत्यांक तिवारी रामेश्वर प्रसाद आनन्द मिश्र छोटेलाल सच्चिदानन्द राय, आलोक चौबे, गौरीशंकर लाल, अंजुम आरा, ब्रजेश मिश्रा, डॉ दिलीप तिवारी, अमित त्रिपाठी अभिनन्दन मिश्र, दीपू शुक्ल आदि उपस्थित रहे।