Aligarh: सरकारी बकाया होने पर संबंधित पशुपालन विभाग ने कोई कार्यवाही नहीं की

हिन्द एग्रो पर पशुपालन विभाग के करोड़ों के बकाए में अनियमिताएं

Update: 2024-09-16 04:58 GMT

अलीगढ़: प्रदेश सरकार के संयुक्त उपक्रम हिंद एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड को बीते दिनों हाईकोर्ट के निर्देश पर नियुक्त कारपोरेट इनसल्वेंसी रिजाल्यूशन प्रक्रिया (सीआइआरपी) के प्रतिनिधि ने अपने कब्जे में लिया था. जिसके बाद अब इस यूनिट पर सरकार के लांभाश के रूप में दिए 64 करोड़ से अधिक की बकायदारी को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है. हैरत की बात है कि सरकारी बकाया होने पर संबंधित पशुपालन विभाग ने कोई कार्यवाही नहीं की. मामले में भाजपा नेता की ओर से सीएम को शिकायत की गई है.

जिला सह कोषाध्यक्ष भाजपा सुशील गुप्ता की ओर से सीएम योगी को भेजी गई शिकायत में कहा गया है कि अलीगढ़ में वर्ष 1993 उत्तर प्रदेश पशुधन उद्योग निगम लिमिटेड का हिंद एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड संयुक्त उपक्रम बनाया गया. जिसमें सेंट्रल डेरी फार्म का प्लांट एवम 50 एकड़ भूमि उत्तर प्रदेश सरकार एवं निजी कंपनी के संयुक्त उपक्रम हिंदी एग्रो को सरकार द्वारा प्रदान की गई. इस संयुक्त उपक्रम द्वारा वर्ष 2001- 02 में उत्तर प्रदेश सरकार को 10 लाख रुपए का लाभांश प्रदान किया गया , संयुक्त उपक्रम को इसके बाद लगातार घाटे में दिखाया जाता रहा और बैंकों से भारी भरकम रकम उधार ली गई. हिंद एग्रो की वर्ष 2016 की ऑडिट रिपोर्ट में 164 करोड रुपए का घाट दर्शाया गया. एनसीएल कोर्ट (नेशनल कंपनी लॉ कोर्ट) के निर्देश पर पुलिस की मौजूदगी में बैंक ने कंपनी पर कब्जा प्राप्त कर लिया था. शिकायत में आरोप है कि कंपनी के मामले में घोर वित्तीय अनियमितताएं तथा वित्तीय संस्थानों से प्राप्त की गई धनराशि को कहीं अन्यत्र लगाया गया है. मुख्यमंत्री से संयुक्त उपक्रम के गठन से आज तक जो भी वित्तीय क्रियाकलाप किए गए हैं इसकी उच्च स्तरीय जांच एवं इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की मांग की है.

आरटीआई से हुआ खुलासा

भाजपा नेता ने बताया कि उनके द्वारा आरटीआई के जरिए हिन्द एग्रो पर पशु पालन विभाग, उप्र पशुधन उद्योग निगम के बकाए को लेकर जानकारी मांगी गई थी. जिसके जवाब में कहा गया है कि अंशपूजी के रूप में 64 करोड़ से अधिक का भुगतान न किए जाने के संबंध में शासन को अवगत कराया गया है. सीवीओ, सामान्य प्रबंधक सीडीएफ के द्वारा यह जानकारी दी गई है.

हिन्द एग्रो प्रकरण में सीवीओ को निर्देशित किया गया है. प्रकरण में लिक्यूटेर अपाइमेंट किया गया था. जब सरकार के उपक्रम होने के नाते बकाएदारी थी, जो विभाग को अपना पक्ष रखते हुए पार्टी बनना चाहिए थे.

-विशाख जी., डीएम

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