Aligarh: निजी क्षेत्र की खाद भी जाएगी सहकारी समितियों को

अब आलू की बुवाई लगभग खत्म होने के बाद लाइन में कमी आई है

Update: 2024-12-02 05:28 GMT

अलीगढ़: रबी के सीजन में आलू और गेहूं की बुवाई के दौरान लगभग पूरे प्रदेश में ही डीएपी खाद की समस्या सामने आई. किसानों घंटों लाइन में लगकर भी खाली हाथ वापस लौटने को मजबूर हुए. रात में भी केंद्रों किसानों ने डेरा डाल कर सुबह खाद के लिए लाइन लगाई थी. अब आलू की बुवाई लगभग खत्म होने के बाद लाइन में कमी आई है. शासन ने इस परेशानी को दूर करने के लिए निजी क्षेत्रों से आने वाली खाद को समितियों पर भेजने के निर्देश दिए हैं.

अक्टूबर की शुरुआत से ही डीएपी को लेकर मारामारी शुरु हो गई. आलू की बुवाई के समय किसानों ने सभी समितियों पर लंबी-लंबी लाइन लगाईं. मगर, डीएपी हाथ न लग सकी.इस दौरान कुछ शातिरों ने नकली डीएपी भी तैयार कर ली. हालांकि कृषि विभाग ने मौके पर जाकर वितरण से पहले ही माल पकड़ कर मुकदमा दर्ज कराया था. इस दौरान कई जगहों से डीएपी महंगे दामों में बेचने की हवा उड़ी मगर, विभाग के पास एक भी किसान ने लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई. धनीपुर मंडी में कृभको के केंद्र पर किसान रात में डेरा डालने लगे. साथ ही मौके पर एसडीएम और पुलिस के साथ जिला कृषि अधिकारी की ड़यूटी लगाई गई. इसी तरह अतरौली, पिसावा, खैर, इगलास आदि कई स्थानों पर एक जैसे हालात देखने को मिले.

निजी कंपनी की खाद भी पहुंचाई जाएगी: डीएपी को लेकर मारामारी की खरब जब शासन के कानों तक पहुंची तो इसके लिए बीच का रास्ता निकाला गया. शासन स्तर से निर्णय लिया गया है कि अब समितियों पर सहकारिता के अलावा निजी कंपनी की खाद भी पहुंचाई जाएगी. अलीगढ़ में 106 समितियां है. अब तक कुल 16738 मीट्रिक टन डीएपी का वितरण हो चुका है. जिला कृषि अधिकारी धीरेंद्र सिंह चौधरी ने बताया कि शासन स्तर से निर्णय लिया गया है कि सभी समितियों पर निजी क्षेत्र से 30 प्रतिशत डीएपी उपलब्ध कराई जाएगी.

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