Aligarh: बाजार में नकली एंटीबायोटिक और पेन किलर दवाएं होने की आशंका

Update: 2024-11-09 07:22 GMT

अलीगढ़: ताजनगरी के दवा बाजार में नकली दर्द निवारक और एंटीबायोटिक दवाइयां भरे होने की आशंका है. नकली दवाएं बनाने वालों ने यह खुद कबूला है. जब भी नकली दवाइयों की फैक्ट्रियां पकड़ी जाती हैं, आगरा में सप्लाई की बात जरूर सामने आती है. इस बार भी ऐसा ही हुआ है.

सिकंदरा में बीते दिनों पकड़ी गई नकली दवा फैक्ट्री में अधिकांश दवाएं दर्द निवारक और एंटीबायोटिक थीं. इन दवाओं का प्रयोग कई रोगों में किया जाता है. यानि तमाम रोगों में दी जाने वाली दवाइयों के कांबीनेशन में इस्तेमाल होता है. मार्केट शेयर की बात करें तो पैरासिटामोल के बाद सबसे ज्यादा यही कांबीनेशन बिकते हैं. इसीलिए नक्काल इन्हें बनाते हैं. विख्यात ब्रांड की नकली दवाइयां बनाने पर यह हाथोंहाथ बिक जाती हैं. थोक हो या फुटकर विक्रेता, अधिक कमीशन के लालच में रख लेते हैं. इनसे किसी भी तरह की राहत नहीं मिलती है. सूत्रों की मानें तो इनसे किसी प्रकार का नुकसान भी नहीं होता है. लेकिन अधिक गंभीर मरीज को सही दवाई नहीं मिली तो उसकी जान को खतरा हो सकता है. दवा फैक्ट्री चलाने वालों की गिरफ्तारी के दौरान उन्होंने बताया था कि इन दवाओं की बहुत कम सप्लाई आगरा में की गई है. लेकिन बाहरी खरीदारों ने आगरा में कितना माल खपाया है, इसका कोई अंदाजा नहीं है. मरीजों के लिए यही चिंता का सबसे बड़ा कारण है.

भरोसेमंद दुकानदार से ही खरीदें

दवाएं हमेशा अपने भरोसे के मेडिकल स्टोर से ही खरीदनी चाहिए. अक्सर नए या छोटे दुकानदार से खरीदने पर धोखाधड़ी हो सकती है. इसके साथ ही पक्का बिल अवश्य मांगना चाहिए. अगर नकली दवा होगी तो दुकानदार बिल देने में आनाकारी करेगा. महंगी जीएसटी लगाकर बिल ज्यादा बनने की बात कहेगा. लेकिन खदीदार को उसकी बातों में नहीं आना है. पक्के बिल में दवा की पूरी जानकारी दर्ज रहती है.

दवाएं और संबंधित रोग

अल्प्रासेफ- बेचेनी, पसीना आना, सांस लेने में दिक्कत, पेनिक डिसआर्डर, चिंता.

मोन्टेयर एफएक्स- जुकाम, छींक, बहती नाक, खुजली, आंख से पानी बहना.

प्रोक्सीवेल- पित्त संबंधी, आंत, गुर्दा दर्द, पेट में ऐंठन, गैस, कब्ज और एसीडिटी.

अल्जोसेल- चिंता, विकार, घबराहट, अनिद्रा, मानसिक विकारों के इलाज में प्रयोग.

पैरासिटामोल- बुखार, दर्द निवारक, सूजन, कई फार्मूलेशन में उपयोग.

आगरा के बाजार में कितनी नकली दवाएं खपाई गई हैं इसका अंदाजा लगा पाना मुश्किल है. इसलिए हर खरीददार को सतर्क रहने की जरूरत है. पक्का बिल मांगकर काफी हद तक नकली दवाओं से बचा जा सकता है. अतुल उपाध्याय, सहायक औषधि आयुक्त आगरा मंडल.

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