Aligarh: स्वास्थ्य महानिदेशक भ्रष्टाचार और गबन की जांच में जुटे
एमओ कार्यालय में अफरा-तफरी का माहौल
अलीगढ़: यूपी के प्रमुख सचिव से सीएमओ और दो चिकित्सकों सहित बाबू और डैम व संविदा कर्मी की शिकायत की जांच को पूरे दिन स्वास्थ्य महानिदेशक एडी कार्यालय में डटे रहे. सीएमओ समेत बारी-बारी से डॉक्टरों से पूछताछ की. एडी से लेकर सीएमओ कार्यालय में अफरा-तफरी का माहौल रहा.
खैर के ग्राम बिसारा निवासी सोनू कुमार ने 16 जुलाई को प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव से स्वास्थ्य विभाग में फैले भ्रष्टाचार की शिकायत 16 बिंदुओं पर की थी. जिसमें सीएमओ डॉ. नीरज त्यागी, रजिस्ट्रेशन नोडल अधिकारी डॉ. रोहित गोयल, सीएचसी जवां प्रभारी डॉ. अंकित सिंह, बाबू रणधीर सिंह, कमल गुप्ता, एनएचएम डैम प्रदीप कुमार, संविदा कर्मी पुष्पेंद्र शर्मा के द्वारा अस्पताल रजिस्ट्रेशन, तैनाती के नाम पर उगाही करने और जैम में कमीशनखोरी की शिकायत की गई थी. शासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए एडी हेल्थ डॉ. मोहन झा को जांच सौंपी थी. मगर सीएमओ के द्वारा जांच में सहयोग न करने पर खुद स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. बृजेश राठौर और स्वास्थ्य निदेशक डॉ. बीपी कल्याणी दो की देर शाम को अलीगढ़ पहुंचे थे. इस शिकायत से संबंधित सभी डॉक्टरों और कर्मियों को तलब किया गया.
एडी कार्यालय में स्वास्थ्य महानिदेशक के अलावा एडी हेल्थ डॉ. मोहन झा, स्टेनो मो. तासीम मौजूद रहे. सबसे पहले डॉ. रोहित गोयल डीजी हेल्थ के सामने हाजिर हुए. करीब एक घंटा उनके ऊपर लगाए गए आरोपों के बारे में अधिकारियों ने पूछताछ की और उनका बयान दर्ज किया. इसके बाद सीएचसी जवां अधीक्षक डॉ. अंकित सिंह हाजिर हुए. इनसे भी अधिकारियों ने सवाल-जवाब कर बयान दर्ज किया. यहां से निकल कर जांच के लिए दोपहर को स्वास्थ्य महानिदेशक टीम के साथ इगलास पहुंचे. वहां से लौटने के बाद सीएमओ डॉ. नीरज त्यागी से पूछताछ की. दो लिपित रणधीर चौधरी और कमल गुप्ता को लखनऊ स्वास्थ्य निदेशालय में तलब किया गया है. इसके अलावा डैम व संविदाकर्मी पुष्पेंद्र शर्मा से को एडी हेल्थ पूछताछ कर बयान दर्ज करेंगे. सूत्रों ने बताया कि डीजी हेल्थ के सवालों में डॉक्टर और कर्मचारी खूब उलझे, कई सवाल पर तो उनकी बोलती भी बंद हो गई.