Aligarh: टीकाकरण से 20 प्रतिशत बच्चे अब भी दूर
प्रतिवर्ष कई प्रयासों के बाद भी नहीं हो पा रहा लक्ष्य हासिल
अलीगढ़: स्वास्थ्य विभाग कहने को स्वास्थ्य विभाग से लेकर डब्ल्यूएचओ तक के स्तर से टीका कारण पर पूरा जोर है. घर-घर दस्तक देकर यह समझाने का प्रयास होता है कि टीकाकरण कितना जरूरी है और कितना जीवन सुरक्षित होता है. बावजूद इसके अपने जिले में बीस फीसदी आबादी बच्चों को टीकाकरण से दूर रखती है. इसे लेकर प्रतिवर्ष हर स्तर पर हर तरह के प्रयास होते हैं. मगर सफलता नहीं मिल पाती है. इस बार भी यही स्थिति सामने आ रही है.
विश्व टीकाकरण दिवस प्रतिवर्ष10 को मनाया जाता है. इसका मकसद टीकाकरण से जुड़ी आवश्यक जानकारी लोगों तक पहुंचाना है. इस दिन पर कई तरह के प्रोग्राम और इवेंट ऑर्गेनाइज किए जाते है ताकि लोगों को बच्चे का टीकाकरण करवाने के लिए जागरूक करवाया जा सके. टीकाकरण समय से करवाना काफी जरूरी होता है. यह दिन वैश्विक स्तर पर मनाया जाता है. वैक्सीन के कारण ही लाखों लोगों की जान बच सकी है. यह बताया जाता है कि सरकार मुफ्त में ये टीके लगवाती है. यह भी बताया जाता है कि किस तरह से क्रमवार जन्म के समय, फिर पहले माह, फिर डेढ़, ढाई व साढ़े तीन माह पर क्रमवार और फिर नौ माह, डेढ़ वर्ष और फिर पांच वर्ष पर टीका लगाया जाता है. अपने जिले में कुल ग्यारह प्रकार के टीके हैं. मगर अपना जिला इसका शत प्रतिशत आंकड़ा पूरा नहीं कर पा रहा.
ये है जिले में वर्तमान स्थिति
इस विषय में इस अभियान में जुटे लोग बताते हैं कि शहरी क्षेत्र आधा दर्जन इलाके ऐसे हैं, जहां अस्सी बीस का औसत प्रतिशत ऐसा रहता है, जहां लोग बच्चों को टीके नहीं लगवाते हैं. जिले में चंद गांव ही ऐसे हैं, जहां समस्या है. शहर में समस्या अधिक है.
वैसे हमारा प्रयास शत प्रतिशत बच्चों को टीके लगवाने का रहता है. टीमें इस काम में लगी रहती हैं. लक्ष्य के अनुसार बीस फीसदी आबादी में ये समस्या आती है, जिसे दूर करने की हर संभव कोशिश रहती है.
डा.नीरज त्यागी, सीएमओ
ऐसे चलता है टीकाकरण अभियान
आशा और आंगनबाड़ी के स्तर से डोर-टू-डोर सर्वे कर गर्भवती महिलाओं और नवजात बच्चों को पंजीकृत करती हैं. उनकी रिपोर्ट के आधार पर एएनएम द्वारा टीकाकरण कराया जाता है. साथ में जिला स्तर से लेकर हेल्थ सेंटर तक टीके लगाए जाते हैं. इन सेंटरों का पूरा लाभ सभी उठा सकते हैं.
महिलाओं को दो टीके जरूरी
बच्चों के टीकाकरण के अलावा गर्भवती महिलाओं को भी दो टीके लगाए जाते हैं. ये टीके आवश्यक बताए जाते हैं.
यहां कमजोर स्थिति
शहर के शाहजमाल, मामूद नगर, ऊपरकोट, जमालपुर, जीवनगढ़ आदि इलाकों में आती है ज्यादा समस्या.