लखनऊ: उप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बृहस्पतिवार को सदन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण को ''कट एंड पेस्ट अभिभाषण'' करार दिया और आरोप लगाया कि जिन योजनाओं का उल्लेख किया गया है वह जमीन पर नहीं उतरी हैं, सच्चाई से कोसों दूर हैं।
विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के लिए बुधवार को सत्ता पक्ष के डॉक्टर नीलकंठ तिवारी ने प्रस्ताव किया था जिस पर बृहस्पतिवार को पक्ष और विपक्ष के सदस्य बोल रहे थे। चर्चा में भाग लेते हुए अखिलेश यादव ने तंज करने के अंदाज में नेता सदन (मुख्यमंत्री) योगी आदित्यनाथ की ओर देखते हुए कहा कि उनका (राज्यपाल) भाषण कट एंड पेस्ट भाषण था, अभिभाषण में जो योजनाएं दी गई हैं वह जमीन पर नहीं उतरीं, सच्चाई से कोसों दूर हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने राज्यपाल का बहुत समय बर्बाद किया, एक घंटा एक मिनट में उन्होंने अपनी बात रखी।
अखिलेश यादव के बोलने के बीच में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के नेता ओमप्रकाश राजभर ने कुछ हस्तक्षेप करने की कोशिश की तो यादव ने कहा कि आप किस पार्टी के नेता हैं, जातिगत गणना चाहते हैं कि नहीं। राजभर ने कहा कि आपने तो भगा दिया। यादव ने तंज किया कि मंत्री बनने के लिए उधर चले गये। गौरतलब है कि 2017 में राजभर भाजपा के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़े और सरकार में मंत्री बने थे लेकिन बाद में समझौता टूट गया। 2022 में राजभर की पार्टी ने सपा से मिलकर चुनाव लड़ा लेकिन बाद में सपा से उनका समझौता टूट गया।
इस बीच यादव से अपना दल (एस) के आशीष पटेल और निषाद पार्टी (दोनों सत्तापक्ष के सहयोगी और सरकार के मंत्री) के डॉक्टर संजय निषाद भी चर्चा में बोलने लगे। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ये लाेग भले उधर हैं, लेकिन दिल से चाहते हैं कि जातीय जनगणना हो। अखिलेश यादव ने कहा, ‘‘हमने सपा की सरकार बनने पर तीन महीने में जातीय जनगणना कराने की घोषणा की थी। हमारी मांग है कि जातीय जनगणना होनी चाहिए।'' इससे पहले, बजट भाषण में वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना द्वारा पढ़े गये शेरों की चर्चा करते हुए सपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘अपने सहयोगी विधायकों से कुछ अच्छा लिखवा लेते, आपकी तुकबंदी ठीक नहीं है।'' फिर नेता सदन से मुखातिब होते हुए उन्होंने शेर पढ़ा - आंखों पर सियासत का असर देख रहे हैं, किस ओर लगी आग, किधर देख रहे हैं।
एक एजेंसी के हवाले से उत्तर प्रदेश के देश में 16वें नंबर पर होने का दावा करते हुए अखिलेश ने कहा, ‘‘आपके (मुख्यमंत्री) अधिकारी आपको गुमराह कर रहे हैं कि उत्तर प्रदेश सभी चीजों में नंबर वन है। लेकिन नये आंकड़े देखने चाहिए कि प्रदेश कहां खड़ा है।'' हालांकि, यादव के इस बयान पर वित्त व संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने टोकते हुए सवाल किया, ‘‘यह किस एजेंसी की रिपोर्ट है और इसकी विश्वसनीयता क्या है।
इसपर यादव ने तल्ख लहजे में सरकार की कमियां गिनाना शुरू कर दी और कहा, ‘‘आप चुनाव भले जीत जाओ, लेकिन आपकी कोई पॉलिटिकल क्रेडिबिलिटी (राजनीतिक साख) नहीं है।'' वहीं, खन्ना ने यादव को जवाब देते हुए कहा, ‘‘हमने पहले संकल्प पत्र (2017 विधानसभा चुनाव) के वादे पूरे किये। इस बार भी 130 वाद किये और उसमें से 110 पर काम किया है। यह क्रेडिबिलिटी है। जनता ने हमारी सरकार को पांच साल के सुशासन के आधार पर फिर चुना, यही क्रेडिबिल्टी है।''