गाजियाबाद न्यूज़: नेशनल हाईवे-9 के किनारे करीब आठ हेक्टेयर (80 हजार वर्गमीटर) सरकारी जमीन पर भूमाफियों ने कब्जा कर बेच डाला. जमीन की जानकारी होने पर नगर निगम ने जमीन खाली कराना शुरू किया तो हड़कंप मच गया. लोगों ने अपनी रजिस्ट्री दिखानी शुरू की. जिलाधिकारी ने इस मामले में जांच बैठा दी है.
अकबरपुर-बहरामपुर में लगातार शिकायत की जा रही थी कि सरकारी जमीन पर लोग अवैध कब्जा कर रहे हैं. रजिस्ट्री कराकर जमीन पर पक्का मकान तक बना डाला. शिकायत पर जांच की गई तो पता चला कि इस क्षेत्र में 80 हजार वर्गमीटर जमीन पर सरकारी है. इसपर अवैध रूप से कब्जा किया गया है. निगम के टीम अतिक्रमण हटाने पहुंची और करीब तीन हजार वर्गमीटर जमीन को खाली करा लिया. यहां धडल्ले से प्लाटिंग करके रजिस्ट्री करा दी गई. पक्के मकान और सड़क तक बना दी गई.
अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के बाद खुला मामला निगम की टीम जब अतिक्रमण हटाने पहुंची तो लोगों ने अपनी पक्की रजिस्ट्री दिखाई. इस पर उन्हें बताया गया कि यह जमीन सरकारी है. उन्होंने जिससे भी खरीदी है, उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जाए. लोगों ने जिलाधिकारी को बताया कि उन्होंने जमीन की रजिस्ट्री कराई है. उनका कहना था कि उन्होंने जिससे जमीन खरीदी, उसका नाम खसरा में दर्ज है. इस पर जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि जिन लोगों ने रजिस्ट्री कराई है, वह उनको परेशान न करके उनकी खोज करें, जिन्होंने जमीन बेची है.
रजिस्ट्री अपनी, कब्जा सरकारी जमीन पर दिया
विभागीय सूत्रों की माने तो इस मामले में कुछ लोगों ने अपने खसरे नंबरों की रजिस्ट्री कराकर जमीन बेची, लेकिन लोगों को कब्जा सरकारी जमीन पर दिया. पास के लगे खसरों को जरिए लोग जमीन खरीदते रहे और कब्जा लेते रहे. लोगों की रजिस्ट्री में खसरा और खतौनी में जमीन सही है, लेकिन मौके पर जमीन वह नहीं है.
अकबरपुर बहरामपुर में करीब आठ हेक्टेयर सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे की जानकारी मिली है. जिन लोगों ने जमीन बेची है, उनकी रिपोर्ट तहसील स्तर से बनवाई जा रही है. जिस खसरों को बेचा गया है यदि उनमें से जमीन पाई जाती है तो सबसे पहले उसे कब्जे मे लिया जाएगा.
-राकेश कुमार सिंह, जिलाधिकारी