Agra: जालसाजों ने करोड़ों का नकली देसी घी बेचा, पांच गिरफ्तार
"मालिकों की तलाश के लिए एक टीम ग्वालियर भेजी गई"
आगरा: शमसाबाद मार्ग से सटे मारुति सिटी रोड पर नकली घी फैक्ट्री लंबे समय से चल रही थी. पुलिस का अनुमान है कि फैक्ट्री में बना करोड़ों का नकली घी बाजार में अब तक खपाया जा चुका है. प्रतिदिन 50 किलोग्राम से एक कुंतल तक घी तैयार किया जाता था. पुलिस ने मैनेजर सहित पांच आरोपियों को जेल भेज दिया. मालिकों की तलाश के लिए एक टीम ग्वालियर भेजी गई है. मालिक ग्वालियर के बड़े सेठ बताए जा रहे हैं.
पुलिस ने को मारुति सिटी रोड पर मारुति प्रभासम के पास टिनशेड में नकली देसी घी की फैक्ट्री पकड़ी थी. इसमें अमूल, पतंजलि, कृष्णा, मधुसूदन, भदावर, परम, अनिक सहित करीब 18 ब्रांड के देसी घी बनाए जा रहे थे. नकली और अपमिश्रित घी को ब्रांडेड कंपनियों की पैकिंग में पैक करके बाजार में बेचा जाता था. डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने बताया कि मौके से जब्त माल ही करोड़ों का है. कई तरीके की मशीनें मिली हैं. आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और भारतीय खाद्य मानक सुरक्षा अधिनियम की धाराओं के तहत मुकदमा लिखा गया है. मुकदमा चौकी इंचार्ज एकता नीलेश शर्मा ने लिखाया है. मुकदमे में लिखाया गया है कि आरोपित संगठित गिरोह बनाकर नकली देसी घी की फैक्ट्री चला रहे थे. पुलिस ने बताया कि पकड़ा गया मैनेजर राजेश भारद्वाज बेहद शातिर है. वह पुलिस को उतना ही बता रहा है जितना पुलिस को दिख रहा है. शुरू में उसने खुद को मजदूर बताकर पुलिस को गुमराह करने का भी प्रयास किया. पुलिस ने मैनेजर सहित पांच आरोपियों को जेल भेज दिया.
इनको भेजा गया है जेल: मैनेजर राजेश भारद्वाज, टेक्नीशियन शिव चरण, भास्कर गौतम, रवि मांझी(ग्वालियर) व धर्मेंद्र सिंह (सागर) को जेल भेजा गया है. पुलिस ने बताया कि राजेश ने पूछताछ में बताया कि फैक्ट्री के मालिक मैना वाली गली, दाल बाजार, पुराना हाईकोर्ट ग्वालियर निवासी पंकज अग्रवाल, नीरज अग्रवाल व बृजेश अग्रवाल हैं. पुलिस ने तीनों मालिकों को भी मुकदमे में आरोपित बनाया है.
एक्सपाइरी माल खरीदते थे: बाजार में जो खाद्य तेल एक्सपायर हो जाते हैं. नकली घी फैक्ट्री वाले उन्हें सस्ते दामों पर खरीदते थे. फैक्ट्री के मैनेजर ने पुलिस को बताया कि वे रिफाइंड, वनस्पति घी, पॉम ऑयल, एसेंस मिलाकर घी तैयार करते थे. इसमें थोड़ा असली घी भी मिलाते थे. जो ऊपर की तरफ पैकिंग के समय रहता था, ताकि किसी को शक नहीं हो. जब घी ही नकली बना रहे थे तो इसके लिए रिफाइंड और वनस्पति घी महंगा लेने की क्या जरूरत थी. बाजार से एक्सपाइरी डेट का माल भी सस्ते दामों पर खरीद लेते थे. बताते थे कि पूजा के लिए घी तैयार करने के काम आता है.