यूपी विधानसभा चुनाव से पहले स्वामी के अचानक इस्तीफे से मचा सियासी घमासान, जानें मिनट टू मिनट क्या हुआ

यूपी सरकार में श्रम मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को दोपहर 12 बजते-बजते अचानक इस्तीफा देकर सूबे की सियासत को गर्मा दिया।

Update: 2022-01-12 01:13 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। यूपी सरकार में श्रम मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को दोपहर 12 बजते-बजते अचानक इस्तीफा देकर सूबे की सियासत को गर्मा दिया। उनके इस्तीफा देते ही भाजपा में हड़कंप मच गया। थोड़ी ही देर में स्वामी समर्थक तीन विधायकों ने भी भाजपा को अलविदा बोल दिया। यह सब उस समय घटा जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत पार्टी के वरिष्ठ नेता दिल्ली में थे।

हालांकि पार्टी व सरकार को स्वामी प्रसाद मौर्य के सपा में जाने की जानकारी थी। कई दिनों से सोशल मीडिया पर इसकी चर्चाएं थीं लेकिन मौर्य चुपचाप पार्टी व सरकार के कामकाज में लगे रहे। वह ऐन वक्त पर ऐसा करेंगे.. किसी को उनके इस कदम का अनुमान नहीं था।
वह अचानक बिना किसी शोर-शराबे के सुबह 10 बजे अपने गोमतीनगर स्थित निजी आवास पहुंचे। वहां से उन्होंने अपना इस्तीफा करीब 11 बजे टाइप कराया और इसे मेल के जरिये राजभवन को भेज दिया। इस्तीफे की हार्ड कापी उन्होंने शाहजहांपुर के तिलहर से विधायक रोशनलाल वर्मा के जरिये भेजी। वह स्वामी प्रसाद के करीबी माने जाते हैं। साथ ही अपने फेसबुक एकाउंट पर भी इसकी जानकारी देते हुए इस्तीफे की प्रति वायरल कर दी।
रोशनलाल वर्मा करीब 1.45 बजे के आसपास राजभवन पहुंचे। तब तक राजभवन पर मीडिया का जमावड़ा लग चुका था। जैसे ही इस्तीफे की बात आम हुए स्वामी के करीबी विधायकों का उनके घर पर पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। बांदा के तिंदवारी के विधायक ब्रजेश प्रजापति भी उनसे मिलने पहुंचे। उन्होंने भी बयान दिया कि जहां उनके नेता स्वामी प्रसाद मौर्य रहेंगे वे भी वहीं रहेंगे।
दूसरी ओर स्वामी प्रसाद मौर्य करीब 1.30 बजे अखिलेश यादव से मिलने जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट पहुंच गए। इसकी भी किसी को भनक नहीं लगी। उनके साथ रोशनलाल मौर्य भी थे। अखिलेश यादव ने उनसे वहां करीब 30 मिनट तक मुलाकत की।
करीब 2.15 बजे के आसपास अखिलेश यादव ने भी ट्विट कर मौर्य से मिलने की बात सार्वजनिक की। साथ ही स्वामी का स्वागत भी किया। इससे पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्विट कर अपने इस्तीफे की जानकारी दी और फिर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उन्होंने दलितों, पिछड़ों, वंचितों और छोटे व्यापारियों आदि की सरकार में हो रही अनदेखी के कारण इस्तीफा दे दिया है।
Tags:    

Similar News