Agra: मकान हड़पने के हुई वृद्धा की हत्या

हत्या की वजह मकान बताई जा रही है

Update: 2024-11-16 07:10 GMT

आगरा: तुलसी नगर (ताजगंज) में 65 वर्षीय मार्गश्री की हत्या मुंह और नाक दबाकर हुई थी. पुलिस को घटना के दो चश्मदीद मिले हैं. हत्याकांड में दो नाबालिग नातिन भी शामिल हैं. वे दादी को गले में कपड़ा डालकर अंदर तक घसीटकर लेकर गई थीं. पुलिस को फरार चल रहे बेटे और बहू का भी सुराग मिला है. जल्द दोनों गिरफ्त में होंगे. हत्या की वजह मकान बताई जा रही है.

एसीपी ताज सुरक्षा सैयद अरीब अहमद ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार मार्गश्री की हत्या नाक और मुंह दबाकर की गई थी. पोस्टमार्टम में उनकी मौत की वजह दम घुटना आया है. पुलिस को छानबीन में पता चला कि सुभाष एक फैक्ट्री में नौकरी करता था. उस पर दो लाख रुपये का कर्जा था. जिस मकान में परिवार रहता है वह मार्गश्री के नाम था. बेटा चाहता था कि मां अपना मकान उसके नाम कर दें. वह मकान बेचकर अपना कर्जा चुकाना चाहता था. मां ने साफ कह दिया था कि जब तक जिंदा है, मकान किसी के नाम नहीं करेंगी. उनकी मौत के बाद वैसे ही मकान बेटे को मिलना है. इसी बात पर पिछले करीब तीन साल से घर में माहौल ठीक नहीं था. बात-बात पर क्लेश होती थी. पुलिस को छानबीन में पता चला कि बहू रेखा ने सास को खाना देना बंद कर दिया था. वह खुद अपना खाना बनाती थीं. किसी भी बात पर बहू और बेटा उनके साथ अभद्रता किया करते थे. आरोप है कि दोनों नाबालिग नातिनी भी दादी से अभद्रता किया करती थीं.

एसीपी ताजगंज ने बताया कि पुलिस को हत्याकांड के दो चश्मदीद मिले हैं. घटना के बाद दोनों लड़के आरोपित के घर के बाहर मौजूद थे. वृद्धा की चीख सुनकर उन्होंने खिड़की से झांककर देखा था. दोनों नातिनी अपनी दादी को गले में कपड़ा डालकर घसीटकर अंदर ले जा रही थीं. इसी के कुछ देर बाद भीड़ जमा हुई थी. बुजुर्ग महिला का शव कबाड़ में मिला था.

बेटी ने किया हंगामा: मार्गश्री की बेटी ने हत्या की तहरीर दी. अपने भाई, भाभी और तीन बच्चों को आरोपित किया. पुलिस ने सुभाष की बेटियों को हिरासत में नहीं लिया था. इसपर मार्गश्री की बेटियां खफा थीं. हंगामा किया.

कुंडल ने कराई शुरुआत: मार्गश्री की बेटी सरोज देवी ने बताया कि घर में रार पिछले तीन साल से चल रही थी. भाई मां पर मकान नाम करने का दबाव बना रहा था. भाभी रेखा भी मां के साथ अभद्रता किया करती थीं. मां को खाना तक देना बंद कर दिया था. मां ने तीन साल पहले एक जोड़ी कुंडल उसे (सरोज) दिए. यह बात भाई और भाभी को पता चली तो उन्होंने बवाल शुरू कर दिया. मां का उत्पीड़न शुरू कर दिया. मां भी जानती थीं. मकान इसलिए नहीं छोड़ती थीं कि उन्हें पता था मकान से बाहर गईं तो बेटा घर में वापस नहीं घुसने देगा.

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