Agra: 15 दिन में 3500 से अधिक वाहन चालकों का चालान किया गया
"सीट बेल्ट न लगाने पर 15 दिन में 3500 चालान हुए"
आगरा: इंटीग्रेटेड ट्रेफिक मैनेजमेंट सिस्टम आईटीएमएस के तहत जब से शहर में आर्टिफिशियल इंटेंलीजेंस आधारित कैमरे लगाये गये हैं तब से ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों पर सख्त कार्रवाई हो रही है. 15 दिन में 3500 से अधिक वाहन चालकों का चालान किया गया है.
नगर निगम स्मार्ट सिटी कार्यालय से संचालित कैमरों की दृष्टि से ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाला एक भी वाहन चालक नहीं बच पा रहा है. अगर एक 15 तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि एआई आधरित कैमरे कितनी मुस्तैदी से अपने काम को अंजाम दे रहे हैं. चार पहिया वाहन चालकों द्वार सीट बेल्ट न लगाये जाने 3542 मामले नजर में आये, इनमें ट्रैफिक पुलिस 523 वाहन चालकों को चालान भेज चुकी है. सीट बेल्ट न लगाने वाले वाहन चालकों पर नजर रखने के लिए इसी माह से ये व्यवस्था स्मार्ट सिटी द्वारा की गई है. नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने बताया कि आईटीएम सिस्टम में जो कैमरे इंस्टाल कराये गये थे उन्हीं के माध्यम से ई चालान जनरेट हो रहे हैं. कैमरों से लिया गया फोटो ट्रैफिक पुलिस कंट्रोल रूम को भेजा जा रहा है. यहां से चालान वाहन चालक के घर भेजा जा रहा है. आगरा नगर निगम प्रदेश में पहली बार इस तकनीकि का उपयोग सीट बेल्ट न लगाने वाले वाहन चालकों के लिए किया जा रहा है. हालांकि ट्रिपिल राइडिंग, रॉग साइड ड्राइविंग और हेलमेट न लगाये जाने के मामलों में पहले से इस तकनीकि का प्रयोग हो रहा है.
वाहन चालकों से होने वाले विवादों में कमी स्मार्ट सिटी द्वारा की गई इस पहल से ट्रैफिक पुलिस का काम आसान होने के साथ ही आये दिन चालान आदि को लेकर वाहन चालकों के साथ होने वाले विवादों में भी खासी कमी आएगी. ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते पकड़े जाने पर अक्सर वाहन स्वामियों और पुलिस के बीच तकरार होने के मामले प्रकाश में आते रहते थे लेकिन इस सिस्टम में वाहन स्वामी को पता ही नहीं चल पाता है उसने कब और कहां पर गलती कर दी. जब चालान घर पहुंचता है तभी उसे इसका पता चल पाता है.
नगर आयुक्त ने बताया कि हाई डेफिनेशन फुटेज के माध्यम से गाड़ियों में चालकों और यात्रियों की स्थिति का विष्लेशण इन कैमरों के माध्यम से किया जाता है. जब भी कोई वाहन चालक बिना सीट बेल्ट के नजर आता है ये कैमरे गाड़ी की नंबर प्लेट को स्कैन कर आटोमेटिक उसका चालान जारी कर देता है. उन्होंने बताया कि इस प्रयोग से न केवल दुर्घटनाओं में खासी कमी आएगी बल्कि सड़क हादसों में होने वाली मृत्युदर में भी कमी आएगी. आटोमेटिक चालान होने के बाद घर पहुंचने पर जब जुर्माना भरना पड़ेगा तो निश्चित ही वाहन चालक ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन से बचेगा.