आगरा: कारगिल चौराहा (सिकंदरा) के निकट एक इंटीरियर डिजाइनर कार चलाते समय बेहोश हो गए. हाथ-पैर अकड़ गए. मुंह से झाग निकलने लगा. यह देख कार में मौजूद उनकी पत्नी के होश उड़ गए. वह रोने लगीं. वहां से गुजर रही पीआरवी 0006 ने दंपत्ति की मदद की. बेहोश युवक को कार से निकाला. पीआरवी में लिटाया. सायरन बजाते हुए हॉस्पिटल की तरफ चल दी. समय रहते इलाज मिला. पीड़ित अब ठीक हैं.
घटना सुबह करीब साढ़े आठ बजे की है. ऋषि पुरम कालोनी निवासी प्रमित अपनी पत्नी रेनू के साथ कार से कहीं जा रहे थे. अचानक उनकी तबियत बिगड़ी. उन्होंने सड़क किनारे कार रोकी. पत्नी कुछ समझ पातीं इससे पहले प्रमित की हालत बिगड़ती चली गई. उनके मुंह से झाग निकलने लगे. हाथ-पैर अकड़ गए. उसकी हालत देखकर पत्नी के होश उड़ गए. वह फूट-फूटकर रोने लगीं. मदद के लिए किसी को फोन करतीं इससे पहले पुलिस वहां आ गई. पुलिस ने उनकी रोने की वजह पूछी. उनके पति की हालत देखी. तत्काल प्रमित को पीआरवी में लिटाया. हॉस्पिटल पहुंची. हॉस्पिटल में डॉक्टर ने उनका इलाज शुरू कर दिया. उन्हें दौरा पड़ा था. वजह साफ नहीं हुई है. डॉक्टर वजह जानने के लिए जांच करा रहे हैं. प्रमित ने बताया कि वह पुलिस के शुक्र गुजार हैं. सड़क पर जहां कोई उनकी पहचान का नहीं था वहां पुलिस मदद के लिए आई. गाड़ी में मौजूद चालक पंचम सिंह और होमगार्ड गजेंद्र शर्मा को अच्छे काम के लिए बधाई दी है. दोनों को पुलिस आयुक्त प्रशस्ति पत्र देंगे.
पुलिस टीम पर हमले के दोषी को 14 साल बाद पांच वर्ष कैद
पुलिस टीम पर जान से मारने की नीयत से फायर करने के चौदह साल पुराने मामले में आरोपी नदीम निवासी खैराती टोला ताजगंज को अदालत ने दोषी पाया है. अपर जिला जज नीरज कुमार बक्शी ने आरोपी को पांच वर्ष के कारावास एवं छह हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई. वहीं दो आरोपितों को पूर्व में सजा हो चुकी है. वहीं अभियोजन की ओर से एडीजीसी नाहर सिंह तोमर ने वादी प्रभारी निरीक्षक समेत अन्य गवाह और घटना से जुड़े महत्वपूर्ण साक्ष्य भी प्रस्तुत किए.
तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक थाना ताजगंज वीके तिवारी ने वर्ष 2010 में थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. आरोप है कि आरोपियों द्वारा पुलिस टीम पर जान से मारने की नीयत से फायर किया. पुलिस द्वारा तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर उनसे तमंचा, जेवरात बरामद किए.