Agra: नोकझोंक के बाद फर्जी क्लीनिक पर सील लगी
"प्रभावशाली लोगों ने टीम पर दबाव बनाने का प्रयास भी किया"
आगरा: फतेहाबाद में बंद कराने के दूसरे ही दिन अवैध क्लीनिक खुलने के बाद स्वास्थ्य और पुलिस विभाग ने संयुक्त कार्यवाही में इसे सील कर दिया. संबंधित धाराओं में संचालकों के खिलाफ मुकदमा लिखाया गया है. इस दौरान प्रभावशाली लोगों ने टीम पर दबाव बनाने का प्रयास भी किया. जमकर नोकझोंक भी हुई.
कस्बे के मुख्य बाजार स्थित अवैध एसएन पाली क्लीनिक पर स्वास्थ्य विभाग ने को छापा मारा था. इसे बंद करके संचालकों को नोटिस दिया गया था. अगले ही दिन क्लीनिक फिर खोल लिया गया. इससे स्वास्थ्य और पुलिस विभाग की भारी किरकिरी हुई थी. स्वास्थ्य विभाग की टीम पुलिस को साथ लेकर क्लीनिक पहुंची. इस पर ताला लगा हुआ था. पुलिस की मौजूदगी में क्लीनिक को सील किया गया. स्वास्थ्य विभाग की तहरीर पर संचालकों के खिलाफ मेडिकल एक्ट की धारा 15 (3), पर्यावरण संरक्षण अधिनियम और धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. तहरीर में लिखा गया है कि आफताब, बंटी उर्फ देवी सिंह क्लीनिक संचालित करते पाए गए. बोर्ड पर प्रबंधक के रूप में डा. सत्यनारायण गुप्ता तथा डाक्टरों के रूप में डा. रमाशंकर गुप्ता, डा. ब्रजेश कुमार गुप्ता, डा. गौरव शाल्या, डा. श्रीभगवान गुप्ता अंकित था. गंभीर बीमारियों के इलाज का दावा भी किया गया था. दोनों ही संचालक पंजीकरण, लाइसेंस आदि नहीं दिखा पाए. यहां प्रयोग किए गए इंजेक्शन, सिरिंज और दूसरा सामान मिला. बायोवेस्ट निस्तारण नहीं हो रहा था. इससे आसपास संक्रमण फैलने की आशंका थी.
नेता ने धमकाई टीम जमकर नोकझोंक: सूत्रों ने बताया कि सीलिंग के वक्त प्रबंधक डा. श्रीभगवान शर्मा के करीबी भाजपा नेता ने समर्थकों के साथ पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम को धमकाया. देख लेने की चेतावनी दे डाली. यह नेता थाने तक जाकर आखिरी समय तक दबाव बनाने में लगा रहा, लेकिन एक नहीं चली. बताते हैं कि को कार्यवाही के दौरान भी इसने दबाव बनाने का प्रयास किया था.
अवैध- झोलाछापों पर नेताओं का हाथ: देहात में जितने भी अवैध अस्पताल, क्लीनिक, झोलाछाप जान से खिलवाड़ कर रहे हैं, सभी के पीछे किसी नेता या प्रभावशाली व्यक्ति का हाथ होता है. कई बार कार्यवाही के बाद स्वास्थ्य मामला रफा-दफा करने के लिए सांसद और विधायकों तक से दबाव बनाए गए हैं. इसके बाद इन्हें राहत भी मिल गई है. यही कारण है कि जिले में झोलाछापों के हौंसले इस कदर बढ़ गए हैं.