Agra: 12 महीने की वेतन का 50 फीसदी पेंशन के निर्णय पर बोले कर्मचारी
स्कीम पर सवाल तो कहीं सराहना
आगरा: केंद्र सरकार द्वारा यूनीफाई पेंशन स्कीम लागू किए जाने के फैसले की कुछ कर्मचारियों ने सराहना की है तो कुछ ने इस पर सवाल खड़े किए हैं.
कर्मचारियों का कहना है कि पुरानी पेंशन स्कीम में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को फायदा था. उन्हें जीपीएफ भी मिलता था, लेकिन यूपीएस लागू होने से इसका लाभ नहीं मिलने से नुकसान होगा. हालांकि अभी पूरा विवरण आने पर उसकी समीक्षा करने के बाद ही पता चलेगा कि कितना नुकसान और कितना फायदा होगा.
कोषागार कर्मचारी संघ के जिला मंत्री वीर सिंह यादव ने कहा कि एकीकृत पेंशन योजना या यूनिवर्सल पेंशन प्रणाली कर्मचारियों के लिए बहुत नुकसानदायक है. उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था की मांग किसी कर्मचारी संगठन ने नहीं की थी. यह वैसा किसान कानून है जिनकी मांग किसानों ने नहीं की थी.
पेंशनर्स एसोसिएशन के जिला मंत्री डॉ. अशोक कुमार सिंह ने कहा कि पिछले सालों से चली आ रही पुरानी पेंशन स्कीम की जगह यूनिफाइड पेंशन स्कीम आने से कर्मचारियों में खुशी है. सरकार ने 25 वर्ष की सेवाओं के पश्चात आखिरी 12 महीने की वेतन का 50 फीसदी पेंशन पर निर्णय लिया है. साथ ही कम से कम 10000 रुपये पेंशन जरूर मिलेगी. एनपीएस और यूपीएस का भी कोई भी स्कीम कर्मचारी एक बार ही अपना सकेंगे, लेकिन 50 फीसदी पेंशन के रूप में जरूर मिलेगी. सेंट्रल गवर्मेंट पेंशनर्स कोआर्डिनेशन कमेटी के संयोजक डॉ. अजय दुबे ने कहा कि पुरानी पेंशन स्कीम को खत्म क्यों किया. ये बात समझ में नहीं आई. इसको लागू ही रहने दिया जाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि कोई भी कर्मचारी नौकरी लगने के बाद 25 साल तो नौकरी करता ही है. उन्हें इसका लाभ मिलेगा. उत्तर प्रदेश मिनिस्ट्रियल कलक्ट्रेट कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष नरेंद्र भारद्वाज ने कहा कि यूपीएस में 50 फीसदी पेंशन की बात कही गई है. उसमें महंगाई भत्ता मिलना जरूरी है.
नए सरकारी कर्मचारी बहुत कम संख्या में हैं: कोषागार कर्मचारी संघ के जिला मंत्री वीर सिंह यादव ने कहा कि यूनीफाइड पेंशन स्कीम पुरानी पेंशन स्कीम के दायरे में आने वाले कर्मचारियों के लिए नुकसानदायक है. उन्होंने कहा कि यदि प्रदेश सरकार ने पुरानी पेंशन स्कीम को हटाया तो कर्मचारी इसका विरोध करते हुए आंदोलन करेंगे. उन्होंने कहा कि इस समय अधिकतर कर्मचारी आउट सोर्सिंग से होते हैं. इसलिए उन्हें इसका लाभ ही नहीं मिलेगा. नए सरकारी कर्मचारी तो बहुत कम संख्या में ही हैं.