Agra: अदालत ने कंगना रनौत को नोटिस जारी किया
28 नवंबर को पक्ष रखने के निर्देश
आगरा: हिमाचल प्रदेश के मंडी संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद एवं फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ राष्ट्र द्रोह एवं किसानों के अपमान को लेकर जिले की अदालत में दायर मुकदमे की सुनवाई में अदालत ने कंगना को नोटिस जारी किया गया है।
विशेष अदालत एमपी/एमएलए अनुज कुमार सिंह ने सुश्री कंगना के विरुद्ध नोटिस जारी कर आगामी 28 नवंबर को उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए आदेश जारी किया है।
गौरतलब है कि सांसद कंगना के विरुद्ध शहर के वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रमाशंकर शर्मा ने गत 11 सितंबर को वाद दायर किया था। इस वाद में कहा गया कि 27 अगस्त को सुश्री कंगना ने एक बयान जो अखबारों में छपा था पढ़ा, जिसमें उन्होंने कहा कि अगस्त, 2020 से दिसंबर, 2021 तक जो किसान दिल्ली बॉर्डर पर काले कानूनों के विरोध में धरने पर बैठे थे, वहां हत्याएं हो रही थीं, दुष्कर्म हो रहे थे और अगर उस समय देश का नेतृत्व मजबूत नहीं होता तो देश में बंगलादेश जैसे हालात पैदा हो जाते।
सुश्री कंगना पर वादी अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने आरोप लगाया है कि उन्होंने देश के करोड़ों किसानों का अपमान किया। किसानों को हत्यारा, दुष्कर्मी और उग्रवादी तक कह दिया। उन्होंने कहा कि वह भी एक किसान के बेटे हैं, उन्होंने खेती भी की है। इसलिए उनकी भी भावनाएं आहत हुईं हैं।
अधिवक्ता ने अपने वाद पत्र में यह भी कहा है कि 17 नवंबर, 2021 को सुश्री कंगना ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अहिंसात्मक सिद्धांत का मजाक उड़ाते हुए एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि गाल पर चांटा खाने से भीख मिलती है आजादी नहीं और यह भी कहा था कि 1947 में जो आजादी मिली वह महात्मा गांधी को भीख के कटोरे में मिली थी। असली आजादी तो 2014 में तब मिली जब केंद्र में नरेन्द्र मोदी की सरकार सत्ता में आई थी।
इससे साफ जाहिर है कि स्वतंत्रता आंदोलन में जिन देशभक्तों ने अपनी शहादतें दीं तथा फांसी के फंदे चूमे हजारों लाखों स्वतंत्रता नेताओं ने जेल में यातनाएं सहीं। अंग्रेजों के जुल्म सहे। उनका भी कंगना ने अपमान किया है। राष्ट्रपिता का अपमान पूरे राष्ट्र का अपमान है। देश की 140 करोड़ जनता का अपमान है।
अदालत में आज वादी अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा की ओर से ग्रेटर आगरा बार के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता दुर्ग विजय सिंह भैया, रामदत्त दिवाकर, आरएस मौर्य, राकेश नौहवार, बीएस फौजदार, राजेंद्र गुप्ता, धीरज, उमेश जोशी, डॉ. राज कुमार ने तथ्यों के साथ बहस की, साथ ही याचना की कंगना को राष्ट्रद्रोह और किसानों के प्रति किए अपराध में तलब कर दंडित किया जाए। अदालत ने अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद कंगना रनौत को 28 नवंबर को स्वयं हाजिर होकर अपना पक्ष रखने के लिए आदेश जारी किए हैं।