Agra: नालों पर बने अवैध निर्माणों पर चलेगा बुलडोजर

आगरा में भी 410 नालों में से करीब 67 फीसदी यानि 274 पर जबरदस्त अतिक्रमण है.

Update: 2024-07-24 07:33 GMT

आगरा: मानसून सीजन में जलभराव की समस्या विकराल हो गई है. पिछले दिनों में लखनऊ में उच्च स्तरीय बैठक में इसको लेकर चिंता जताई गई. सहमति बनी कि नालों पर अवैध निर्माण को चिह्नित कर इन्हें तोड़ने का अभियान चलाया जाए. आगरा में भी 410 नालों में से करीब 67 फीसदी यानि 274 पर जबरदस्त अतिक्रमण है.

नगर विकास मंत्री के निर्देश पर पिछले दिनों नाला-नालियों की सफाई के लिए 72 घंटे का विशेष अभियान चला था. इस दौरान हर छोटे बड़े नाले नालियों की सफाई कराई गई. जल भराव वाले स्थानों को चिह्नित करने का भी अभियान चलाया जाए, जिससे तुरंत ही समाधान किया जा सके. इसके बाद भी पिछले दिनों लगातार हुई बारिश से शहरों में अधिकतर स्थानों पर जलभराव हो गया. इसके चलते शहरी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा.

आगरा के 100 वार्डों में करीब 410 नाले हैं. इनमें से 18 बढ़े नाले हैं. 141 मझोले और 251 छोटे नाले हैं. नगर निगम ने अप्रैल से 15 जून तक विशेष अभियान चलाया था लेकिन जलभराव से निजात नहीं मिली है. निगम के अधिकारियों के मुताबिक बड़े 18 में से करीब 15 नाले अतिक्रमण के शिकार हैं. मझोले नालों पर भी अतिक्रमण हैं. छोटे नालों को लोगों ने पाट दिया है. शासन ने नालों पर हुए अतिक्रमणों को बुलडोजर से ढहाने का निर्णय लिया है, जिस पर शीघ्र अमल हो सकता है.

नालों से अतिक्रमण हटाने को योजना तैयार: नगर निगम के अधिकारियों ने कई इलाकों का निरीक्षण किया था. नालों पर हो रहे अतिक्रमण की वजह से सफाई नहीं हो पाती है और इसका नतीजा यह होता है कि बारिश होने पर नाले ओवरफ्लो करने लगते हैं और जलभराव होता है. शहर में भी नगर निगम के अधिकारियों ने नालों पर अतिक्रमण करने वाले को नोटिस जारी किये हैं. हरीपर्वत से मदिया कटरा तक नाले पर रहे निर्माणों के संबंध में कार्रवाई की रूपरेखा बनाई गई है. पिछले दिनों अर्जुन नगर निगम में नाले को पाटकर हुए निर्माण हुए निर्माणों को हटाने के दौरान नगर निगम की टीम के साथ हाथापाई हुई थी. मामला थाने तक पहुंच गया था. शमसाबाद रोड, लोहामंडी रोड, बल्केश्वर आदि इलाकों में नालों पर रैंप बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई है.

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