Agra: जिला महिला चिकित्सालय और सामुदायिक केंद्रों पर महिला शौचालयों की समुचित व्यवस्था नहीं
"हर तीसरी महिला यूटीआई की शिकार"
आगरा: सरकारी अस्पतालों में महिला स्वास्थ्य कर्मी और डॉक्टर्स यूटीआई (यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन) जैसी गंभीर समस्या से जूझ रही हैं. महिला कर्मचारियों की शिकायतें बताती हैं कि जिला महिला चिकित्सालय और सामुदायिक केंद्रों पर शौचालयों की समुचित व्यवस्था नहीं है. स्वच्छ पेयजल भी उपलब्ध नहीं है. महिलाओं को मजबूरी में पानी कम पीना पड़ता है या घर से पानी लाना पड़ता है.
महिला कर्मचारियों ने कई बार सीएमओ को लिखित शिकायत दी है. उनका कहना है कि महिला चिकित्सालय की इमारत टूटने के बाद से व्यवस्थाएं और खराब हो गई हैं. अधीक्षिका के कक्ष में एकमात्र शौचालय है, जिसे सभी महिला डॉक्टर्स साझा करती हैं. तीमारदारों और मरीजों के लिए शौचालय की व्यवस्था पहले से ही बदहाल है. सामुदायिक केंद्रों की स्थिति और भी खराब है.
पावरग्रिड से मांगी मुफ्त बिजली, वरना होगा आंदोलन: बिजली के बड़े टावरों से प्रभावित किसानों ने पावरग्रिड से मुफ्त बिजली की मांग की है. अन्यथा की स्थिति में आंदोलन की चेतावनी दी है. एडीएम सिटी अनूप कुमार की अध्यक्षता में पावर ग्रिड के अधिकारी और भाकियू अराजनैतिक के नेताओं के बीच हुई वार्ता में यह मांग की गई.
यूनियन के जिलाध्यक्ष दीपक तोमर ने अधिकारियों को बताया कि पूर्व में पावरग्रिड ने सीएसआर के तहत किसानों को मुफ्त बिजली देने का आश्वासन दिया था. पावरग्रिड के जीएम श्रीएस निवास ने कहा कि उन्हें समय दिया जाए. एडीएम सिटी अनूप कुमार ने कहा कि पांच दिनों बाद दोबारा बैठक की जाएगी. दीपक तोमर ने कहा कि पांच फरवरी को बैठक में अगर किसानों की मांगों को प्राथमिकता नहीं दी गई तो वे मुख्य द्वार पर किसान पंचायत करेंगे. रामनिवास रघुवंशी, विष्णु कटारा, किशन सिंह नेताजी, कैप्टन ओमवीर सिंह, ओंकार शर्मा, निरौती तोमर, हरेंद्र धाकरे, लाखों तोमर, कमलेश सिंह, तेज सिंह, मोहन सिंह आदि रहे.