केवाईसी, इनाम ऑफर के बाद अब साइबर ठगों ने बूस्टर डोज को बनाया नया हथियार, रहें सावधान

अब तक फोन रिचार्ज, केवाईसी, लाखों के इनाम और तरह-तरह के लुभावने ऑफर के जरिए साइबर ठगी करने वालों ने इन दिनों नया तरीका अपनाया है।

Update: 2022-01-15 02:54 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अब तक फोन रिचार्ज, केवाईसी, लाखों के इनाम और तरह-तरह के लुभावने ऑफर के जरिए साइबर ठगी करने वालों ने इन दिनों नया तरीका अपनाया है। इस बार साइबर ठग बूस्टर डोज को हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं।

साइबर ठग ऐसे लोगों को फोन कर रहे हैं जिन्हें कोरोना की तीसरी लहर में बूस्टर डोज की जरूरत बताई जा रही है। सोनारपुरा निवासी रमाकांत बूस्टर डोज के चक्कर में साइबर ठगी का शिकार हो गए। फोन करने वाले ने बड़े अदब से उनसे बातचीत का सिलसिला शुरू किया। उसने कहा सर, आपको बताना चाहूंगा कि आपने वैक्सीन की दो डोज ले ली है। आप की उम्र के लोगों को बूस्टर डोज लगाने के लिए पंजीकरण शुरू हो गया है। क्या आप भी बूस्टर डोज लेना चाहेंगे। रमाकांत ने हां कह दिया। इसके बाद उसने उन्हें पहला और दूसरा डोज लगवाने के बाद होने वाली सेहत संबंधी दिक्कतों के बारे में बात करते हुए कुछ देर तक उलझाए रखा। उसने कहा अब आप के मोबाइल पर चार अंकों का एक वेरिफिकेशन कोड गया होगा। आप वह कोड बता दें। उसके तत्काल बाद आप के फोन पर मैसेज जाएगा कि आप को कब और किस सेंटर पर बूस्टर डोज लेनी है। रमाकांत झांसे में आ गए और वेरिफिकेशन कोड के नाम पर ओटीपी बता दिया। कुछ ही देर बाद उनके फोन पर मैसेज आया कि उनके खाते से 20 हजार रुपये निकल चुके हैं।
बीएचयू के आईटी विशेषज्ञ प्रो. वीके सिंह बताते हैं ठगों के पास इस तरह का डाटा जुटाने का सबसे सरल जरिया सोशल साइट्स हैं। वैक्सीनेशन कराने वाले लोगों में से ज्यादातर लोगों ने टीका लगवाने की जानकारी सोशल मीडिया साइट पर साझा की है। बहुत हद तक आशंका है कि इन साइट्स से ही साइबर ठगों ने डाटा जुटाया होगा।
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