Bareilly में मकानों को गिराने की कार्रवाई शुरू ,नोटिस जारी कर दी चेतावनी
Bareilly बरेली : कैंट बोर्ड ने रक्षा भूमि पर किए गए अतिक्रमण को अभियान चलाकर हटाने की योजना तैयार की है। सदर, आरए बाजार और बीआई बाजार समेत कैंट बोर्ड के दायरे में आने वाले तीन बड़े इलाकों में सौ से ज्यादा घरों को नोटिस जारी कर तुरंत अपने कब्जे हटाने की चेतावनी दी जा चुकी है। अधिकारियों का कहना है कि अगर पुलिस फोर्स उपलब्ध करा दिया गया तो बृहस्पतिवार से ही मकानों को गिराने की कार्रवाई शुरू हो सकती है।
कैंट बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक रक्षा भूमि पर अतिक्रमण कर बनाए गए मकानों में कच्चे और पक्के दोनों किस्म के हैं। कुछ का आंशिक हिस्सा रक्षा भूमि पर है तो ज्यादातर पूरे मकान अतिक्रमण करके बनाए गए हैं। ज्यादातर अतिक्रमण कई साल पुराना है जो उन्होंने कई बार चेतावनी देने के बावजूद नहीं हटाया है। अफसरों के मुताबिक रक्षा भूमि पर सबसे ज्यादा अवैध कब्जे कर 61 मकान सदर बाजार में बनाए गए हैं। आरए बाजार में दो दिन पहले 12 मकान गिराए जा चुके हैं, 34 और मकानों को नोटिस दिया गया है। इसके अलावा बीआई बाजार में भी 10 मकानों को नोटिस दिए गए हैं।
कैंट बोर्ड के सीईओ रविंद्र के मुताबिक अतिक्रमणकारियों को पहले भी कई बार नोटिस दिए जा चुके हैं। अब उन्हें तुरंत अपने अवैध कब्जे हटाने को कहा गया है। एक-दो दिन में कैंट बोर्ड अतिक्रमण हटाकर रक्षा भूमि को खाली कराने का अभियान शुरू कर देगा। जिलाधिकारी को भी पत्र भेजकर इस अभियान के बारे में जानकारी दे दी गई है। सीईओ ने बताया कि पर्याप्त पुलिस फोर्स न मिलने की वजह से एक-दो दिन के लिए अभियान को स्थगित करना पड़ा है। अगर पुलिस फोर्स मिल गया तो बृहस्पतिवार से ही अभियान शुरू कर दिया जाएगा।
खुद अपने मकानों में तोड़फोड़ करने में जुटे लोग
कैंट बोर्ड ने अतिक्रमण कर बनाए गए मकानों को नोटिस जारी करने के साथ कई दिन पहले उन पर लाल निशान भी लगा दिए थे। दो दिन पहले अभियान शुरू कर आरए बाजार के तोपखाना क्षेत्र में 12 मकानों को गिरा दिया गया था, इसके बाद नोटिस पाने वाले लोगों में दहशत फैल गई है। जिन लोगों के मकान का आंशिक हिस्सा रक्षा भूमि पर बना है, उन्होंने उसे खुद तोड़ना शुरू कर दिया है। वजह यह है कि कैंट बोर्ड की ओर से जारी नोटिसों में अतिक्रमण हटाने का खर्च भी वसूल करने की बात कही है। जिन लोगों के पूरे घर रक्षा भूमि पर बने हैं, वे इस बात से चिंतित हैं कि अपने परिवार को लेकर कहां शरण लें।