नहीं हो रही ट्रैफिक पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई, प्रतिबंध के बावजूद भारी वाहनों की शहर में हो जाती है एंट्री

Update: 2023-02-23 12:59 GMT

मेरठ: भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे ट्रैफिक पुलिस कर्मियों पर आखिर मेहरबानी कैसी? आला पुलिस अफसरों की तरफ से इन पर कोई कार्रवाई अभी तक नहीं की गई, जो यहां चर्चा का विषय बनी हुई। र्इंटों से लदे ट्रैक्टर ट्रॉलियों को शहर में कैसे एंट्री दे दी जाती हैं? एक-दो नहीं, बल्कि दो दर्जन से ज्यादा व्यवसायिक टैÑक्टर-ट्रॉली र्इंटों को लादकर शहर में आती हैं। सरधना बाइपास पर ट्रैफिक पुलिस कर्मी इनको रोक लेते हैं, फिर इनसे चलता है सौदा।

सौदा तय हो जाने के बाद ही इनको दिन में शहर में भारी वाहनों का प्रतिबंध होने के बावजूद एंट्री दे दी जाती हैं। कुछ वैसा ही पूरा दिन चलता रहता हैं। इनको रोका-टोका नहीं जाता हैं। फिर गैर राज्यों से आने वाली कारों को ट्रैफिक पुलिस कर्मी हाथ देकर रोक लेते हैं। वाहन चालकों को डराया जाता हैं, फिर वसूली की जाती हैं। यही सब ट्रैफिक पुलिस कर्मी कर रहे हैं। लगता है ट्रैफिक पुलिस सुनियोजित तरीके से वसूली अभियान में जुटी हैं।

तत्कालीन एसएसपी प्रभाकर चौधरी की जैसे ही मेरठ में तैनाती हुई थी, तभी ये चेकिंग अभियान ट्रैफिक पुलिस कर्मियों ने खुद ही बंद कर दिया था। क्योंकि भ्रष्टाचार मिलने पर प्रभाकर चौधरी पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराते थे, फिर उन्हें जेल भेज देते थे। इसी वजह से ट्रैफिक पुलिस कर्मी प्रभाकर चौधरी की कार्यप्रणाली को देखकर घबरा गए और ट्रैफिक में जीरो टोलरेंस नीति पर काम चला। इसके बाद एसएसपी रोहित सजवाण आये।

उनके आते ही ट्रैफिक पुलिस कर्मियों ने फिर से चेकिंग के नाम पर वसूली शुरू कर दी। इसका रोहित सजवाण ने भी संज्ञान लिया तथा ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी और कर्मचारियों की अचानक मीटिंग कॉल की और सीधे संवाद करते हुए चेकिंग तत्काल बंद करने के निर्देश दिये। इसके बाद ट्रैफिक पुलिस की हरकतों से आम जनता को राहत मिली,लेकिन अब एक माह से फिर से सड़कों पर ट्रैफिक पुलिस ने चेकिंग के नाम पर लोगों का जीना मुहाल कर दिया हैं।

सरधना बाइपास पर भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे टीएसआई भूपेन्द्र और मनीष नागर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। उन पर आला अफसर खास मेहरबान बने हुए हैं। उनको सरधना बाइपास से हटाया तक नहीं गया। भाजपा विधायक अमित अग्रवाल भी कह चुके है कि चेकिंग के नाम पर ट्रैफिक पुलिस कर्मी वसूली कर रहे हैं, जिसके बाद एसएसपी ने भी संज्ञान लिया था, लेकिन वर्तमान में फिर से चेकिंग के नाम पर भ्रष्टाचार हो रहा हैं।

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