ज्ञानवापी का सच सामने लाने के लिए आज से शुरू हो सकती है कार्यवाही

ज्ञानवापी का सच सामने लाने के लिए अदालत के आदेश पर शुक्रवार या शनिवार से कमीशन की कार्यवाही शुरू होने की उम्मीद है।

Update: 2022-05-13 02:05 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ज्ञानवापी का सच सामने लाने के लिए अदालत के आदेश पर शुक्रवार या शनिवार से कमीशन की कार्यवाही शुरू होने की उम्मीद है। शुक्रवार को अधिवक्ता आयुक्त की ओर से दोनों पक्षों को नोटिस जारी किया जाएगा। इसके बाद शनिवार की सुबह आठ बजे से कमीशन की कार्यवाही शुरू होगी। बताया जा रहा है कि आज केवल कागजी कार्यवाही होगी, सर्वे का काम कल से शुरू हो सकता है।

हालांकि अदालत के बाद अधिवक्ता आयुक्त ने कमीशन की कार्यवाही को 17 मई से पहले पूरा करने का दावा किया है। ऐसे में चार से पांच दिन की कमीशन की कार्यवाही में ज्ञानवापी परिसर की वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी के जरिए रिपोर्ट तैयार होगी।
दरअसल, श्रृंगार गौरी के रोजाना दर्शन पूजन की मांग को लेकर पांच महिलाओं की ओर से दायर वाद पर बीते आठ अप्रैल को अदालत ने अजय कुमार मिश्र को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त करते हुए ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण कर दस मई तक अदालत में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया था।
छह मई को कमीशन की कार्यवाही शुरू तो हुई लेकिन पूरी नहीं हो सकी। सात मई को अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने अदालत में प्रार्थना पत्र देकर एडवोकेट कमिश्नर बदलने की मांग कर दी। वादी पक्ष की ओर से ज्ञानवापी मस्जिद की बैरिकेडिंग के अंदर तहखाने समेत अन्य उल्लिखित स्थलों का निरीक्षण करने का स्पष्ट आदेश देने की अपील की गई थी।
हालांकि तहखाने की वीडियोग्राफी कराने की वादी पक्ष की अपील पर भी न्यायालय ने कोई टिप्पणी नहीं की है। सहायक अधिवक्ता आयुक्त अजय प्रताप सिंह ने बताया कि नोटिस के बाद कमीशन की कार्यवाही शुरू होगी।
दस महीने से न्याय के लिए जद्दोजहद
18 अगस्त 2021 को राखी सिंह, लक्ष्मी देवी, मंजू व्यास, सीता साहू और रेखा पाठक ने संयुक्त रूप से सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में याचिका दायर की थी, जिसमें मांग की गयी थी कि काशी विश्वनाथ धाम-ज्ञानवापी परिसर स्थित श्रृंगार गौरी और विग्रहों को 1991 की पूर्व स्थिति की तरह नियमित दर्शन-पूजन के लिए सौंपा जाए। आदि विश्वेश्वर परिवार के विग्रहों की यथास्थिति रखी जाए।
इस मामले में आठ अप्रैल 2022 को सुनवाई के क्रम में अदालत ने एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया। 18 अप्रैल 2022 को जिला प्रशासन ने शासकीय अधिवक्ता के जरिये याचिका दाखिल कर वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी पर रोक लगाने की मांग की।
19 अप्रैल 2022 को अधिवक्ता आयुक्त ने सर्वे करने की तिथि से अदालत को अवगत कराया। 19 अप्रैल 2022 को विपक्षी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कमीशन कार्यवाही रोकने की गुहार लगाई। हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा। 20 अप्रैल 2022 को अदालत ने सुनवाई पूरी की, फैसला सुरक्षित रखा।
26 अप्रैल 2022 को निचली अदालत ने ईद के बाद सर्वे की कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया। आदेश के तहत अधिवक्ता आयुक्त ने छह मई को सर्वे करने से कोर्ट को अवगत कराया था। दो मई 2022 को वादी पक्ष की महिलाओं ने अपर पुलिस आयुक्त को प्रार्थना पत्र देकर सुरक्षा की गुहार लगाई।
पांच मई 2022 को अधिवक्ता आयुक्त की कमीशन कार्यवाही के दौरान एकत्रित साक्ष्यों व सबूतों को सुरक्षित रखने के लिए अदालत से अपील की गई। अदालत ने पुलिस आयुक्त को साक्ष्यों को सुरक्षित रखवाने का आदेश दिया। छह मई को कोर्ट कमिश्नर ने ज्ञानवापी परिसर में पक्षकारों की उपस्थिति में कमीशन कार्यवाही शुरू की, जो पहले दिन पूरी नहीं हो सकी।
अगले दिन अधिवक्ता आयुक्त को ज्ञानवापी मस्जिद में जाने से रोका गया और विरोध के चलते कमीशन की कार्यवाही रोक दी गई। नौ मई को अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने एडवोकेट कमिश्नर बदलने के लिए कोर्ट में अर्जी दी। इस मामले में 10 व 11 मई को लंबी बहस हुई और बृहस्पतिवार को इस पर फैसला आया।
अधिवक्ता आयुक्त ने कमीशन की कार्यवाही को 17 मई से पहले पूरा करने का दावा किया है।
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