सड़क सुरक्षा ट्रैफिक जागरूकता पर 59 करोड़ खर्च करने के बाद भी नहीं रुके हादसे

हादसे घटने के बजाय वर्ष 23 में बढ़ गए

Update: 2024-05-29 08:03 GMT

लखनऊ: सड़कों पर दौड़ रहे वाहन चालकों की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है. परिवहन विभाग ने सड़क सुरक्षा के मद्देनजर सड़क हादसे रोकने के लिए साल भर ट्रैफिक नियमों की जानकारी दी. इसके लिए सड़क से लेकर स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम चलाए गए. हजारों ड्राइवरों को प्रशिक्षित करते हुए आंखों की जांच कराई गई. स्कूली छात्र-छात्राओं को ट्रैफिक नियमों के पालन करने के लिए शपथ दिलाई गई. वर्ष पर चले ऐसे जागरूकता कार्यक्रम में 59 करोड़ रुपये विभाग ने खर्च कर दिया,लेकिन हादसे घटने के बजाय वर्ष 23 में बढ़ गए.

वर्ष में चार बार चला जागरूकता अभियान वित्तीय वर्ष अप्रैल 23 से मार्च 24 तक ट्रैफिक नियमों के प्रति आम वाहन सवारों को जागरूक करने के मकसद से चार बार सड़क सुरक्षा पखवाड़ा का आयोजन किया गया.

लोगों को हादसों से बचाने के लिए कई जानकारियां दी गईं: इस आयोजन में स्कूल से लेकर सड़क तक वाहन चालकों को सड़क हादसे से बचने के लिए ढेरों जानकारियां दी गई, जिसका नतीजा जस का तस रहा. जोकि सड़क सुरक्षा के लिहाज से चिंताजनक रहा.

12 विभाग मिलकर नहीं रोक पाए सड़क हादसे: सड़क सुरक्षा के लिहाज से 12 विभाग नोडल बनाए गए हैं. इनमें परिवहन विभाग से लेकर शिक्षा, पीडब्लूडी, एनएचआई, आबकारी, स्वास्थ्य विभाग, ट्रैफिक, पुलिस, नगर निगम, एलडीए समेत अन्य विभाग शामिल हैं. सभी विभागों को आपसी समन्यव बनाकर सड़क हादसे रोकने की दिशा में काम किया. इसके बावजूद सड़क हादसे कम होने के बजाए बीते तीन वर्षो से बढ़ते जा रहे है. तमाम प्रयासों के बावजूद किसी तरह लगाम नहीं रही.

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